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Ayodhya Ram Mandir में इस बार होली खास, साधु संत बोले-500 साल के बाद …

पांच सौ सालों के इंतजार के बाद अयोध्या के राम जन्म भूमि पर इस बार साधु संत धूमधाम से होली मना रहे हैं। अयोध्या में करीब दस हजार मंदिर हैं जहां हर तरफ भक्तों का तांता लगा है और खूब जोर-शोर से होली का पर्व मनाया जा रहा है।

Edited By : Avinash Tiwari | Updated: Mar 22, 2024 19:16
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अयोध्या में होली की मची है धूम।
अयोध्या में होली की मची है धूम।

Ayodhya Ram mandir Holi: राममंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार अयोध्या में होली का उत्साह ही कुछ अलग है। इस दौरान रोजाना रामलला का फूलों से श्रृंगार किया जा रहा है। वसंत पंचमी से आरंभ हुआ होली का पर्व रंगभरी एकादशी तक अयोध्या के 10,000 मंदिरों में जारी है। इस दौरान साधु-संत एक दूसरे को गुलाल लगा रहे हैं, और मंदिरों में रंगों की बरसात हो रही है। राममंदिर में रोजाना ही रामलला का गुलाल से श्रृंगार किया जा रहा है।

रामलला के गाल पर लगा रहे गुलाल

प्राण प्रतिष्ठा के बाद नवनिर्मित राम मंदिर में बालरुप रामलला को साधु़-संतों में गुलाल लगाने की होड़ है। रामलला के दोनों गालों पर गुलाल लगाया जा रहा है। मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले भक्त रामलला की इस अद्भुत छवि को निहार का खुश हो रहे हैं।

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इन मंदिरों में मची है होली की धूम

अयोध्या के कनक भवन, दशरथ भवन, हनुमत निवास, जानकी महल, तुलसी दास की छावनी, वामन मंदिर, पत्थर मंदिर, वैदेही मंदिर, राम महल, बड़ा महल, भक्त माल आदि मंदिरों में अयोध्या वासी रोज रंगों और गुलाल से एक दूसरे को सराबोर कर रहे हैं।

शाम को ढोल मजीरों से होता है फगुआ

होली गीतों को अवधी में फगुगा या फाग भी कहा जाता है। इन मंदिरों में शाम ढलते ही देर रात फाग गायन आरंभ हो जाता है और ढ़ोल मजीरों की थाप गूंजने लगती है। यहां के संत और कथा वाचक आचार्य ब्रजेश शास्त्री कहते हैं कि भगवान राम तो परमगुणों की खान हैं, वह आनंद निधान है। लगभग 500 सालों के लंबे इंतजार के बाद भगवान रामलला अपने भवन में विराजे हैं और इस बार अयोध्या में होली का रंग अधिक चटक और अधिक आनंददायक है।

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सरयू तट पर भी जमती है मंडली

अयोध्या का सरयू तट भी फागुन के माह में गुलजार है। यहां पर नाविक और अन्य साधु-संतों के साथ तीर्थ यात्री भी जमकर होली पर्व को मना रहे हैं। एक दूसरे को गुलाल लगाकर शुभकामना और बधाई दे रहे हैं। हनुमत निवास के संत मैथिली शरण नंदिनी कहते हैं कि मां सरयू का इतिहास भगवान राम से भी अधिक प्राचीन है और इस बार सरयू तट पर होली का रंग भी अधिक चटक है।

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Written By

Avinash Tiwari

First published on: Mar 22, 2024 07:16 PM

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