नई दिल्ली: जहां एक ओर क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर को महान बल्लेबाज कहा जाता है तो वहीं दूसरी ओर विराट कोहली को आधुनिक युग का महान माना जाता है। हालांकि इस बात की बहस कोहली के आने के बाद से ही शुरू हो गई थी कि दोनों में से बेहतर कौन है। कोहली अब सचिन के 100 इंटरनेशनल शतकों के आंकड़े के पीछे एकमात्र बल्लेबाज हैं। कोहली ने सोमवार को अपने करियर में सचिन के साथ तुलना किए जाने पर बड़ा बयान दिया।
वह ‘गिफ्टेड’ क्रिकेटर नहीं थे
जियो सिनेमा पर दिए इंटरव्यू में अनुभवी भारतीय क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा से बात करते हुए कोहली ने स्वीकार किया कि सचिन की तरह वह कभी भी ऐसे क्रिकेटर नहीं थे जो कम उम्र में बड़ी चीजें कर सकें। उन्होंने कहा कि मैं दृढ़ निश्चयी था, लेकिन जैसा कि फैंस की धारणा है ‘गिफ्टेड’ क्रिकेटर नहीं रहा।
मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था
कोहली ने कहा- मैं हर समय लोगों से यह कहता हूं कि मेरे पास प्रतिभा थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं था कि जिसे आप देखकर कह सकें कि ‘हे भगवान, यह अविश्वसनीय है।’ मैं अच्छा था और अपनी प्रतिभा के साथ चीजों को बेहतर कर सकता था, लेकिन मुझे पता है कि मैं चीजों को अद्भुत बनाने के मामले में सबसे प्रतिभाशाली व्यक्ति नहीं था। मैं बहुत कम उम्र से दृढ़ था, लेकिन मुझे यह स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं है कि मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं यहां 34 साल की उम्र में इस स्थिति में बैठूंगा।
सचिन तेंदुलकर हमेशा मेरे लिए इमोशन रहे हैं
कोहली ने कहा कि सचिन के साथ लंबे समय से चली आ रही तुलना ने उन्हें हमेशा ‘शर्मिंदा’ महसूस कराया है। इस बात पर अक्सर वे हंस देते हैं। कोहली ने कहा- जब मेरी तुलना सचिन से की जाती है, तो मुझे शर्मिंदगी महसूस होती है, क्योंकि उनसे उनकी तुलना नहीं हो सककी।
हालांकि मुझे पता है कि ये लोग उन सभी आंकड़ों के साथ कहां से आ रहे हैं, लेकिन ये आंकड़े आपको कुछ और ही कहानी बताते हैं। एक बच्चे के बड़े होने पर एक खिलाड़ी आप पर जो प्रभाव छोड़ता है वह बहुत अलग होता है। मेरा मानना है कि बस इसे हर बार हंसी में उड़ा दें। इन लोगों को खेल के बारे में कोई जानकारी नहीं है। कोहली ने कहा- सचिन तेंदुलकर हमेशा मेरे लिए इमोशन रहे हैं। सभी को उन पर विश्वास रहा है। वह प्रेरणा स्रोत थे। जब उन्होंने रन बनाए तो हमें खुशी मिलती थी।