नई दिल्ली: भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच इंग्लैंड के द ओवल में खेले जा रहे वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला रोमांचक मोड़ पर पहुंच गया है। भारतीय टीम ने तीसरे दिन लंच तक 6 विकेट खोकर 260 रन बना लिए हैं। शार्दुल ठाकुर 36 और अजिंक्य रहाणे 89 रन बनाकर खेल रहे हैं। हालांकि टीम इंडिया की धड़कनें उस वक्त बढ़ गईं, जब शार्दुल आउट होने से बाल-बाल बच गए। ये नजारा 60वें ओवर में देखने को मिला।
नो बॉल से बच गए शार्दुल ठाकुर
हुआ यूं कि कप्तान पैट कमिंस लगातार गुड लैंथ बॉल डालकर शार्दुल को शिकार बनाने की कोशिश कर रहे थे। दूसरी गेंद पर उन्होंने ठाकुर को बीट किया, तीसरी गेंद पर शार्दुल संभले जबकि चौथी पर वे बुरी तरह बीट हो गए। बॉल उनके पैड्स से टकराकर बाहर निकल गई। जोरदार अपील के बाद अंपायर ने भी अंगुली उठाने में ज्यादा देर नहीं की। शार्दुल ने तुरंत रिव्यू ले लिया। थर्ड अंपायर ने जब इसे चेक किया तो उन्होंने देखा कि कमिंस का पैर बॉल डालते समय लाइन से थोड़ा आगे निकल गया था। इस बॉल को तुरंत नो बॉल करार दे दिया गया। इस तरह शार्दुल को जीवनदान मिल गया और वे आउट होने से बच गए। हालांकि अंपायर ने रन दौड़ने के बावजूद इसे नो बॉल का ही रन काउंट किया।
इसके बाद इसी ओवर की लास्ट बॉल पर कमिंस का एक रिव्यू भी खराब हो गया, क्योंकि अल्ट्राएज में साफ नजर आया कि बॉल शार्दुल के बल्ले को छूकर नहीं निकली थी।
कमिंस ने दूसरी बार की ये गलती
कमिंस ने फाइनल जैसे मुकाबले में दूसरी बार ये गलती की। कमिंस ने रहाणे को भी 22वें ओवर में इसी तरह नो बॉल डालकर जीवनदान दे दिया था। फाइनल जैसे मुकाबले में कमिंस की ये दोहरी गलती क्रिकेटप्रेमियों में चर्चा का विषय बन गई है।
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