IPL History: इंडियन प्रीमियर लीग यानि झमाझम क्रिकेट की शुरुआत 31 मार्च से होने जा रही है। इस बार भी लीग में जमकर रोमांच देखने की उम्मीद है, क्योंकि आईपीएल एक ऐसी लीग है , जिसे पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। आईपीएल के जरिए खिलाड़ी अपना टैलेंट दिखाने की पूरी कोशिश करते हैं, कुछ खिलाड़ी ऐसे होते हैं जो आते ही छा जाते हैं, लेकिन अगले ही सीजन से वह गुमनाम हो जाते हैं। ऐसे ही कुछ खिलाड़ियों के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।
पॉल वल्थाटी
आईपीएल में आते ही छा जाने और फिर तेजी से गुमनाम हो जाने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट में सबसे पहला नाम अगर किसी का लिया जाता है तो वह पॉल वल्थाटी का है। पॉल वल्थाटी ने साल 2011 के आईपीएल सीजन में ऐसा धमाल मचाया था कि लोग उन्हें भविष्य का सितारा मानने लगे थे। पॉल वल्थाटी ने पंजाब की तरफ से खेलते हुए 14 मैचों में 463 रन बनाए थे, जिसमें एक शानदार शतक भी शामिल था। इस सीजन में कुछ समय के लिए उनके पास ऑरेंज कैप भी रहा था। लेकिन इस सीजन के बाद उनका बल्ला नहीं चला। 2013 में इस खिलाड़ी को किसी ने नहीं खरीदा, फिर वह हर नीलामी में अनसोल्ड रहे और गुमनाम हो गए।
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मनविंदर बिस्ला
2012 का आईपीएल फाइनल कोलकाता नाइट राइटर्स ने जीता था। फाइनल में कोलकाता को जिताने में सबसे अहम भूमिका निभाई थी मनविंदर बिस्ला ने जिन्होंने ओपनिंग करते हुए 48 गेंदों में 89 रनों की मैच जिताऊ पारी खेली थी। बिस्ला ने अपने करियर में 39 आईपीएल मुकाबलो में 798 रन बनाए, जिसमें चार अर्धशतक शामिल रहे, उन्हें क्रिकेट में लंबी रेस का घोड़ा माना जा रहा था। लेकिन बाद में वह अपना प्रदर्शन जारी नहीं रख पाए और 2015 के आईपीएल में उन्हें किसी नहीं खरीदा, जिसके बाद उनका करियर खत्म हो गया।
कामरान खान
2009 का आईपीएल जिसे याद होगा उसे राजस्थान रॉयल्स के गेंदबाज कामरान खान का नाम भी याद ही होगा। क्योंकि कामरान खान ने इस सीजन में अपनी दमदार बॉलिंग से लोगों का दिल जीत लिया था। वह 140 की रफ्तार से शानदार बॉलिंग करते थे। कामरान को शेन वॉर्न बहुत पसंद करते थे इसलिए उन्हें लगातार मौके भी मिले थे। कामरान ने 2009 के IPL में 9 मैच में 9 विकेट निकाले थे। इस दौरान उन्होंने कई बड़े खिलाड़ियों को आउट किया था। लेकिन इस सीजन के बाद ही कामरान गुमनाम हो गए और फिर उनकी वापसी नहीं हो पाई।
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राहुल शर्मा
राहुल शर्मा 2011 के आईपीएल में चमक गए थे। इस लेग स्पिनर ने अपने प्रदर्शन से सबको हैरान कर दिया था। राहुल शर्मा ने पुणे वॉरियर्स इंडिया की तरफ से खेलते हुए इतना दमदार प्रदर्शन किया था कि उन्हें टीम इंडिया में एंट्री का भी मौका मिल गया था। राहुल ने 44 आईपीएल मैच में 40 विकेट निकाले थे। जिससे उन्हें इंडिया का भविष्य माना जा रहा था। लेकिन राहुल की फॉर्म धीरे-धीरे गायब होती चली गई और वह लाइमलाइट से दूर हो गए। जिसके बाद उनकी वापसी नहीं हो सकी।
स्वप्निल असनोदकर
इस लिस्ट में स्वप्निल असनोदकर का नाम भी जोड़ना जरूरी है। 2008 के पहले ही आईपीएल में स्वप्निल ने राजस्थान रॉयल्स की तरफ खेलते हुए धमाल मचा दिया था। डेब्यू सीजन में उन्होंने बल्ले से तहलका मचाते हुए 9 मैचों में 133.48 की स्ट्राइक रेट से कुल 311 रन बनाए थे, लेकिन इससे बाद अगले सीजन आईपीएल 2009 में राजस्थान टीम की तरफ से वह 8 मैचों में कुल 98 रन ही बना पाए। इसके बाद वह धीरे-धीरे गुमनाम हो गए।
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