नई दिल्ली: युवा खिलाड़ी अंतिम पंघाल ने शनिवार को एशियन गेम्स के लिए 53 किग्रा वर्ग का ट्रायल जीत लिया। हालांकि कुछ ही देर बाद बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को ट्रायल्स से दी गई छूट को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी गई। अंतिम पंघाल अब सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही हैं। दूसरी ओर मानसी अहलावत ने 57 किग्रा वर्ग से एशियाई खेलों के लिए भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की कर ली।
दिल्ली में चल रहे हैं ट्रायल
दिल्ली में आयोजित ट्रायल्स में 19 वर्षीय पंघाल ने 53 किग्रा वर्ग में शानदार प्रदर्शन करते हुए बिना किसी परेशानी के अपने सभी मुकाबले जीते। पहले दौर में बाई मिलने के बाद अंडर-20 विश्व चैंपियन ने तमन्ना पर 7-2 से जीत के साथ शुरुआत की और उसके बाद नेहा के खिलाफ तकनीकी श्रेष्ठता से जीत हासिल कर सेमीफाइनल में प्रवेश किया।
ट्रायल जीतकर भी स्टैंडबाय खिलाड़ी होंगी पंघाल
फाइनल में उन्होंने और बेहतर प्रदर्शन किया। उन्होंने अपनी प्रतिद्वंद्वी मंजू को दो मिनट के भीतर ही हरा दिया। हालांकि, विनेश फोगाट हांगझू एशियाई खेलों के दौरान इस वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी क्योंकि चयन समिति ने पहले ही उन्हें पुरुष फ्रीस्टाइल पहलवान बजरंग पूनिया (65 किग्रा) के साथ 53 किग्रा वर्ग में सीधे प्रवेश दे दिया है। पंघाल स्टैंडबाय खिलाड़ी होंगी।
मुझे स्टैंडबाय खिलाड़ी क्यों होना चाहिए?
पंघाल ने इस जीत के बाद संवाददाताओं से कहा- “मैंने निष्पक्ष रूप से ट्रायल जीता। मुझे स्टैंडबाय खिलाड़ी क्यों होना चाहिए, मैंने ट्रायल जीता है। जिसने प्रतिस्पर्धा नहीं की, उसे 53 किग्रा में स्टैंडबाय खिलाड़ी होना चाहिए। मेरी याचिका खारिज कर दी गई है, लेकिन मैं नहीं रुकूंगी, लड़ती रहूंगी। हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। अगर उसे इस तरह सीधे प्रवेश मिलता रहेगा, तो किसी को कैसे पता चलेगा कि हम कितने अच्छे हैं। हम कोशिश करते रहेंगे। मेरे कोच तय करेंगे कि हम आगे क्या करने जा रहे हैं, लेकिन लड़ाई जारी रहेगी। मेरे तीन मुकाबले जीतने का क्या मतलब है।” उन्होंने कहा, ”मैं जानती हूं कि वह काफी अच्छी हैं और उसके पास कई पदक हैं, लेकिन उसे ट्रायल में हमारे खिलाफ लड़ना होगा।” पंघाल ने आगे कहा कि अब वह विश्व चैम्पियनशिप ट्रायल के लिए तैयारी करेंगी।
अंशू मलिक और सरिता मोर की टक्कर
वहीं 57 किग्रा वर्ग बहुत प्रतिस्पर्धी हो गया क्योंकि इसमें विश्व चैम्पियनशिप रजत पदक विजेता अंशू मलिक और विश्व कांस्य विजेता सरिता मोर शामिल थीं। दोनों चैंपियन खिलाड़ी पहले ही राउंड में भिड़ने को तैयार थे जिसे फाइनल से पहले का फाइनल माना जा रहा था। चोट से वापसी कर रहीं अंशू के खिलाफ सरिता मोर ने 5-0 की बढ़त बना ली। हालांकि 20 वर्षीय अंशू ने टेक-डाउन और गट रिंच मूव के साथ वापसी की। इससे अंतर कम होकर 4-5 रह गया लेकिन जीत हासिल करने के लिए सरिता ने जबरदस्त ताकत का इस्तेमाल किया।
मानसी अहलावत ने दी शिकस्त
बाद में U23 विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता मानसी अहलावत के खिलाफ मुकाबले में सरिता को कड़ी टक्कर मिली। मानसी ने सरिता की एक तकनीकी गलती का फायदा उठाते 9-6 से उलटफेर भरी जीत हासिल की। ड्रॉ के दूसरी ओर से एक अन्य युवा सीतो ने पिंकी और नीतू के खिलाफ जीत हासिल करते हुए फाइनल में जगह बनाई। छोटू राम अखाड़े में मंदीप के नेतृत्व में प्रशिक्षण लेने वाली मानसी ने अपना अच्छा प्रदर्शन जारी रखते हुए तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर सीतो के खिलाफ फाइनल में आसानी से जीत हासिल की।
सोनम मलिक की शानदार वापसी
62 किग्रा वर्ग में सोनम मलिक ने बायीं कोहनी की चोट के बाद शानदार वापसी करते हुए ट्रायल जीता। छोटू राम अखाड़े से एशियाई खेलों के लिए अपनी जगह पक्की करने वाली एक अन्य पहलवान सीडब्ल्यूजी कांस्य विजेता पूजा गहलोत थीं। उन्होंने पहले 50 किग्रा फाइनल में शिवानी और नीलम को आसानी से हराया और फिर अनुभवी निर्मला देवी को शिकस्त दी। गहलोत ने कहा- “बिना ट्रायल के किसी को भी भाग लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। हर बच्चा बहुत मेहनत करता है। ट्रायल आयोजित किया जाना चाहिए और उसके बाद ही किसी को जाने की अनुमति दी जानी चाहिए।”
क्वालिफाई नहीं कर सकीं दिव्या काकरान
68 किग्रा में निशा दहिया पर राधिका ने जीत दर्ज की। उन्होंने न केवल निशा को हराया बल्कि प्रियंका को एक बेहद करीबी फाइनल में 9-8 से हराकर एशियाई खेलों के लिए क्वालीफाई कर लिया। आमतौर पर 68 किग्रा में प्रतिस्पर्धा करने वाली दिव्या काकरान 76 किग्रा तक पहुंचीं, लेकिन एशियाई खेलों के लिए क्वालीफाई नहीं कर सकीं। वह फाइनल में अनुभवी किरण से हार गईं। ग्रीको रोमन शैली में ज्ञानेंद्र (60 किग्रा), नीरज (67 किग्रा), विकास (77 किग्रा), सुनील कुमार (87 किग्रा), नरिंदर चीमा (97 किग्रा) और नवीन (130 किग्रा) ने एशियाई खेलों की टीम में जगह बनाने के लिए अपने-अपने ट्रायल जीते।