Asian Games 2023: चीन के हांग्जो में एशियन गेम्स की शुरुआत हो चुकी है। भारत ने इसमें इस बार सबसे बड़ा दल भेजा है। उद्घाटन समारोह 23 सितंबर को होगा, जिसमें भारतीय दल के ध्वजवाहक मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन और हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह होंगे। उम्मीद है कि इस बार ये एथलीट ज्यादा से ज्यादा पदक जीतकर देश को गौरवान्वित करेंगे। भारत का एशियाई खेलों में शानदार ट्रैक रिकॉर्ड रहा है।
टूर्नामेंट की मेजबानी का नेतृत्व करने से लेकर विभिन्न खेल क्षेत्रों में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने तक एशियाई खेलों में भारत हमेशा चमकता रहा है। भारत ने 1951 में उद्घाटन संस्करण की मेजबानी की थी। आधिकारिक तौर पर तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने इसकी शुरुआत की थी। भारत शुरुआती एशियाड में 15 स्वर्ण पदक और कुल मिलाकर 51 पदक के साथ पदक तालिका में दूसरे स्थान पर रहा था।
फुटबॉल टीम ने दो बार दिलाए गोल्ड
भारतीय फुटबॉल टीम 1951 और 1962 में दो बार गोल्ड मेडल जीत चुकी है। भारत ने 1951 में खेले गए फाइनल में ईरान पर 1-0 से जीत हासिल कर स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया। इसके बाद 1962 में भारत ने फुटबॉल में अपना दूसरा गोल्ड मेडल जीता। उस समय टीम इंडिया ने कोरिया को 2-1 से शिकस्त दी थी।
ट्रैक इवेंट में मिल्खा सिंह भारत के उभरते हुए स्टार बने। ‘फ्लाइंग सिख’ के नाम से मशहूर रहे मिल्खा ने 1958 में टोक्यो खेलों के दौरान 200 मीटर और 400 मीटर स्प्रिंटिंग स्पर्धाओं में एक नहीं बल्कि दो स्वर्ण पदक जीते। इस उपलब्धि के बाद वे एशिया के सबसे तेज एथलीट बन गए। मिल्खा सिंह के बाद पीटी उषा भारत की उड़नपरी बनीं। उन्होंने 1982 के एशियाई खेलों में चार स्वर्ण पदक जीते। ‘पय्योली एक्सप्रेस’ के नाम से मशहूर उषा ने 200 मीटर, 400 मीटर, 400 मीटर बाधा दौड़ और 4×400 मीटर रिले में नेशनल रिकॉर्ड तोड़ा।
धनराज पिल्लै के नेतृत्व में शानदार प्रदर्शन
17 साल की उम्र में जसपाल राणा एशियाई खेलों में पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने। उन्होंने 1994 में हिरोशिमा में 25 मीटर सेंटर फायर स्पर्धा में शीर्ष स्थान हासिल किया। भारतीय हॉकी टीम भी एशियन गेम्स में शानदार प्रदर्शन कर चुकी है। विश्व कप में निराशाजनक नौवें स्थान पर रहने के बाद टीम इंडिया 1998 के बैंकॉक एशियाई खेलों में पहुंची। जहां धनराज पिल्लै के नेतृत्व में टीम ने शानदार प्रदर्शन किया। फाइनल में टीम इंडिया ने दक्षिण कोरिया को 5-3 से हराकर स्वर्ण पदक हासिल किया था।
नीरज चोपड़ा बने स्टार
2014 में दक्षिण कोरिया में आयोजित एशियाई खेलों में एमसी मैरी कॉम ने स्वर्ण पदक हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला मुक्केबाज बनकर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। खास बात यह है कि भारत के स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा भी 2018 एशियन गेम्स में गोल्ड जीतकर देश को गौरवान्वित कर चुके हैं। ये उनके करियर की शुरुआत थी, लेकिन इसके बाद उन्होंने ऐसी उड़ान भरी कि अब वे विश्व चैंपियन बन चुके हैं। हमेशा की तरह इस बार भी नजरें नीरज चोपड़ा पर रहेंगी। वहीं टेबिल टेनिस में चीन, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर जैसे देशों का हमेशा से दबदबा रहा, लेकिन भारत ने 2018 में इतिहास रचा। इस साल भारत ने अपने पहले पदक के साथ पुरुष टीम स्पर्धा में कांस्य जीतकर इतिहास रचा। क्वार्टर फाइनल में टीम ने जापान को हराया।