Sri Lanka Government Apology: वर्ल्ड कप 2023 में खराब प्रदर्शन के बाद श्रीलंका की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले जहां श्रीलंकाई सरकार के हस्तक्षेप के कारण आईसीसी ने सदस्यता रद्द कर दी थी और अब श्रीलंकाई सरकार एक बार फिर विवादों में फंस गई है। दरअसल श्रीलंका के पूर्व कप्तान और मौजूदा सरकार के लीडर अर्जुन रणतुंगा ने बीसीसीआई सचिव जय शाह पर बेबुनियाद आरोप लगाया था। उसी के बाद से विवाद छिड़ गया था। अब उनके इस बयान के बाद खुद श्रीलंका की सरकार को जय शाह से माफी मांगनी पड़ी है। सरकार ने रणतुंगा के इस बयान की निंदा भी की है।
रणतुंगा की हुई किरकिरी
दरअसल रणतुंगा ने जय शाह के ऊपर आरोप आईसीसी द्वारा श्रीलंका क्रिकेट की सदस्या रद्द करने के बाद लगाया था। उन्होंने कहा था कि, श्रीलंका क्रिकेट को बीसीसीआई सचिव ही चला रहे हैं। उनके प्रेशर के कारण ही श्रीलंका क्रिकेट के हालात बिगड़ गए हैं। वह बोले थे कि, भारत का एक आदमी श्रीलंका क्रिकेट को बर्बाद कर रहा है, क्योंकि उनके पिचा देश के गृह मंत्री हैं। अब रणतुंगा की इस बयान के बाद खुद ही किरकिरी हो गई है जब श्रीलंका के एक मंत्री कंचना विजेसेकरा ने श्रीलंका की संसद में जय शाह का नाम लेकर माफी मांगी।
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संसद में मांगी माफी
श्रीलंका की संसद में मंत्री विजेसेकरा ने कहा कि,'हम सरकार के तौर पर उस बयान की निंदा करते हैं और एशियन क्रिकेट काउंसिच के चीफ जय शाह से माफी मांगते हैं। हम उनके खिलाफ या किसी देश के खिलाफ अपनी कमियों का आरोप नहीं लगा सकते। यह बिल्कुल ही गलत सोच थी।' शुक्रवार को इसको लेकर श्रीलंका की संसद में खासा विवाद हुआ। मंत्री विजेसेकरा और हारिन फर्नांडो ने खुले तौर पर माफी मांगी। उन्होंने आईसीसी द्वारा श्रीलंका क्रिकेट को सस्पेंड करने के लिए आंतरिक मुद्दों को जिम्मेदार ठहराया है।
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श्रीलंका में जहां पिछले साल आर्थिक आपातकाल के कारण दिक्कतें थीं। वहीं मौजूदा समय में सरकार का हस्तक्षेप नेशनल क्रिकेट टीम पर भारी पड़ा है। वर्ल्ड कप 2023 में श्रीलंका की टीम 9वें स्थान पर रही थी। इसी कारण उसे चैंपियंस ट्रॉफी 2025 से भी बाहर होना पड़ा। वहीं इस पर एक्शन लेते हुए सरकार ने श्रीलंका क्रिकेट के पूरे स्टाफ को बर्खास्त कर दिया था। सरकार के हस्तक्षेप के कारण आईसीसी ने एक्शन लिया और श्रीलंका क्रिकेट की सदस्यता को रद्द कर दिया था। अब यह नया विवाद आने से श्रीलंका क्रिकेट का आईसीसी की नजरों में कहीं ना कहीं फिर से नाम खराब हो गया है।