BCCI ने टीम इंडिया का बॉलिंग कोच साउथ अफ्रीका के तेज गेंदबाज मोर्ने मोर्केल को बनाया है। टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर के साथ वह इस जिम्मेदारी को निभाते हुए नजर आएंगे। उनके साथ अभिषेक नायर और रयान टेन डोशेट भी अपनी भूमिका को निभाएंगे। टीम इंडिया के कोचिंग स्टाफ में टेन डोसचेट और मोर्ने मोर्केल विदेशी हैं। भारत के लिए विदेशी कोचों का सफर मिला जुला ही रहा है। टीम इंडिया में अब तक 4 विदेशी कोच रहे हैं, जिन्होंने अलग-अलग तरह का नतीजा दिया है। आइए इस रिपोर्ट में जानते हैं कि टीम इंडिया के विदेशी कोचों का कार्यकाल कैसा रहा है।
जॉन राइट
न्यूजीलैंड के पूर्व बल्लेबाज टीम इंडिया के मुख्य कोच बनने वाले पहले विदेशी खिलाड़ी थे। जॉन राइट ने 2000 में मुख्य कोच का पदभार संभाला था और भारतीय टीम के लिए सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले कोचों में से एक बन गए थे। भारत ने जॉन राइट के नेतृत्व में 2003 का वनडे वर्ल्ड कप का फाइनल मैच खेला था। 1983 के बाद पहली बार टीम इंडिया ने फाइनल तक का सफर तय किया था। राइट ने 2005 में टीम के मुख्य कोच के पद से इस्तीफा दे दिया था, क्योंकि टीम उन दिनों खराब प्रदर्शन से जूझ रही थी।
ये भी पढ़ें:- ‘इम्पैक्ट प्लेयर नियम’ हो जाएगा खत्म? जय शाह ने माना ऑलराउंडर पर पड़ा प्रभाव
ग्रेग चैपल
जॉन राइट के बाद टीम इंडिया का मुख्य कोच ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान ग्रेग चैपल को बनाया गया। ग्रेग चैपल 2005 से 2007 के बीच टीम इंडिया के कोच रहे। ग्रेग चैपल भारत के सबसे विवादास्पद कोच में भी जाने जाते हैं। टीम के कप्तान गांगुली के साथ उनका टकराव हुआ था, जिसके बाद ग्रेग चैपल ने उन्हें कप्तान के रूप में बर्खास्त कर टीम से बाहर कर दिया था। भारतीय टीम 2007 के वनडे वर्ल्ड कप से ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गया था, जिसकी वजह से ग्रेग चैपल ने अपना अनुबंध नवीनीकृत नहीं किया।
Morne Markel has been appointed the bowling coach of senior india men’s team.#mornemarkel#BCCI pic.twitter.com/vXnRwfBjSV
— SHIVAM PATEL 🇮🇳 (@shivampatle111) August 14, 2024
गैरी कर्स्टन
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व बल्लेबाज गैरी कर्स्टन ने टीम इंडिया को 2011 का वनडे वर्ल्ड कप जिताया था। टीम इंडिया ने 1983 के वर्ल्ड कप के बाद खिताब जीता था। गैरी कर्स्टन ने 2007 से 2011 तक टीम इंडिया के मुख्य कोच की भूमिका निभाई थी। उन्होंने टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के साथ मिलकर युवा प्रतिभाओं से भरी एक मजबूत टीम भी बनाई थी। इसके अलावा गैरी कर्स्टन के नेतृत्व में टीम इंडिया ने दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका में टेस्ट सीरीज ड्रॉ खेली और एशिया कप का फाइनल खेला।
ये भी पढ़ें:- ब्रिस्बेन, डरबन और किंग्समीड जैसा होगा NCA का नया सेंटर, जय शाह ने इस क्रिकेटर को दी जिम्मेदारी
डंकन फ्लेचर
डंकन फ्लेचर का कार्यकाल काफी मिलाजुला रहा है। भारत ने डंकन फ्लेचर के नेतृत्व में 2013 की चैंपियंस ट्रॉफी जीती, लेकिन टीम को इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज में शर्मनाक हार का सामना भी करना पड़ा। उनके कार्यकाल के दौरान ही भारत ने 2012/13 में इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज भी गंवाई थी। इसके बाद बीसीसीआई ने पूर्व कप्तान रवि शास्त्री को फ्लेचर के साथ काम करने के लिए टीम निदेशक नियुक्त कर दिया था। 2015 के वर्ल्ड कप में सेमीफाइनल मैच हारने के बाद फ्लेचर ने अपनी भूमिका छोड़ दिया था।
ये भी पढ़ें:- IND vs BAN: जसप्रीत बुमराह बाहर! अब इन 2 खिलाड़ियों के बीच छिड़ी जंग; कौन मारेगा बाजी?