डॉ. आशीष कुमार। वैज्ञानिकों ने शोध के आधार पर शुक्र (Venus) ग्रह पर एलियन जीवन (alien life) की संभावना जताई है। वेल्स की कार्डिफ यूनिवर्सिटी की एक टीम ने शुक्र ग्रह के वायुमंडल में फॉस्फीन गैस की मौजूदगी का पता लगाया है। यह गैस मुख्य रूप से जीवित जीवों द्वारा छोड़ी जाती है। शुक्र ग्रह के वायुमंडल में फॉस्फीन गैस अच्छी मात्रा में मौजूद है।
वैज्ञानिकों ने ये जानकारी रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी (Royal Astronomical Society) की नेशनल एस्ट्रोनॉमी मीटिंग के दौरान साझा की थी। सितंबर 2020 में, वैज्ञानिकों के एक समूह ने शुक्र ग्रह के बादलों में फॉस्फेट का पता लगाया, जो संभावित जीवन के लिए एक मजबूत संकेत था।
शुक्र ग्रह के बादलों में फॉस्फेट
शोधकर्ताओं ने शुक्र के वातावरण में आगे की जांच करने के लिए हवाई में माउना केआ वेधशाला (Mauna Kea Observatory) में जेम्स क्लार्क मैक्सवेल टेलीस्कोप (JCMT) का उपयोग किया। उन्होंने ग्रह पर मौजूद बादलों के अध्ययन पर ध्यान केंद्रित किया। टीम को अनुमान है कि फॉस्फीन (Phosphine) की उत्पत्ति शुक्र के निचले वातावरण से हुई होगी। उनका मानना है कि ऑक्सीजन रहित वातावरण में रहने वाले सूक्ष्मजीवों से फॉस्फीन गैस पैदा हुई होगी।
पृथ्वी पर, फॉस्फीन गैस का उत्पादन तब होता है, जब स्वतंत्र दुर्लभ हाइड्रोजन मौजूद होता है। पृथ्वी पर फॉस्फीन गैस बैक्टीरिया द्वारा पैदा की जाती है। इस तथ्य ने वैज्ञानिकों को शुक्र ग्रह पर जीवन की उपस्थिति के बारे में विचार करने के लिए प्रेरित किया। हालांकि, कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि किसी ग्रह पर जीवन की उपस्थिति की पुष्टि करने के लिए केवल फॉस्फीन की उपस्थिति अपर्याप्त है।
वैज्ञानिकों ने इस संभावना पर भी विचार किया कि वातावरण में फॉस्फोरस चट्टानों पर पानी की क्रिया से गैस का उत्पादन हो सकता है। हालांकि, इस परिकल्पना के भी तर्क-वितर्क मौजूद हैं। एक्ट्रा टेरिटोरियल लाइफ की खोज में फॉस्फीन की मौजूदगी ने वैज्ञानिकों को अन्य ग्रहों पर जीवन की खोज के लिए प्रेरित किया है। यह खोज पृथ्वी से परे जीवन के पहले संकेत के रूप में काम कर सकती है।