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NASA का पार्कर रचेगा इतिहास, क्रिसमस ईव पर पहुंचेगा सूरज के सबसे पास, जानें पूरी डिटेल

NASA का पार्कर सोलर प्रोब नया इतिहास रचने की तैयारी में है। आज नासा का पार्कर सोलर सूरज के सबसे करीब पहुंचेगा। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

Edited By : Ankita Pandey | Updated: Dec 24, 2024 20:59
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NASA’s Parker Solar Probe: नासा एक नई उपलब्धि की तरफ कदम बढ़ा रहा है। आपको बता दें कि नासा का पार्कर सोलर प्रोब एक उपलब्धि हासिल करने की तैयारी कर रहा है। ये अंतरिक्ष यान को 24 दिसंबर को सूरज के सबसे करीब पहुंचने वाला है। नासा ने बताया कि ठीक 6:53 बजे ईएसटी ( यानी 5.23 PM भारतीय समय) यह सोलर सरफेस से केवल 3.8 मिलियन मील (6.1 मिलियन किलोमीटर) दूर पहुंच जाएगा। यह 430,000 मील प्रति घंटे (692,000 किलोमीटर प्रति घंटे) की गति से यात्रा करते हुए सूर्य के बाहरी वायुमंडल से डेटा एकत्र करेगा, जिसे कोरोना के नाम से जाना जाता है। आइए इसके बारे में जानते हैं।

क्रिसमस ईव पर सूरज के सबसे पास

पार्कर सोलर प्रोब क्रिसमस ईव पर सूर्य की सतह के अब तक के सबसे पास से गुजरने का प्रयास कर रहा है। आपको बता दें कि 24 दिसंबर यानी इस क्रिसमस ईव यह अंतरिक्ष यान एक नई उपलब्धि हासिल करेगा। 24 दिसंबर को सुबह 6:40 बजे EST ( यानी 5.23 PM भारतीय समय) नासा का अंतरिक्ष यान, पार्कर सोलर प्रोब, सूर्य की सतह से 3.8 मिलियन मील के भीतर से गुजरेगा। यह इसके  किसी भी पिछले मिशन की तुलना में सात गुना अधिक करीब है। सूर्य के बाहरी वायुमंडल, कोरोना में सर्फिंग करते हुए, पार्कर 692,000 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज रफ्तार को पार कर जाएगा, जो मनुष्यों द्वारा बनाई गई सबसे तेज वस्तु के अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ देगा।

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पार्कर सोलर प्रोब की बड़ी उपलब्धि

नासा के विज्ञान मिशन निदेशालय के एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर निकी फॉक्स ने कहा कि यह खोज की यात्रा है। हम वास्तव में अज्ञात में जा रहे हैं। किसी तारे के वायुमंडल से कोई भी चीज नहीं गुजरी है, और कोई भी अन्य मिशन लंबे समय तक नहीं गुजरेगा। आगे उन्होंने कहा कि 2018 में लॉन्च होने के बाद से, पार्कर 21 सोलर फ्लाईबाई के दौरान सूर्य के करीब पहुंच गया है, जिसे पेरिहेलियन कहा जाता है।

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नासा और जॉन्स हॉपकिन्स एप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी के बीच सहयोग से चलाए गए इस मिशन ने सूर्य के बारे में हमारी समझ में क्रांति ला दी है, धूमकेतुओं को देखा है, बहुत सी शानदार तस्वीरें खींची हैं और वीनस ( शुक्र) के बारे में जानकारी दी है।

इसके अलावा, पार्कर ने सूर्य के इतने करीब उड़ान भरने की तकनीकी चुनौतियों को पार कर लिया है। बता दें कि टेस्टिंग के लिए हीट शील्ड को लगभग 2,000 डिग्री फारेनहाइट के तापमान का सामना करना पड़ता है। ये एक बड़ा कदम है।

पार्कर सोलर प्रोब

पार्कर सोलर प्रोब को सूरज के सबसे करीब जाकर अध्ययन करने के लिए डिजाइन किया गया था, जो किसी भी पिछले मिशन की तुलना में तारे के सात गुना करीब यात्रा करेगा। यह  2,500 डिग्री फारेनहाइट (1,371 डिग्री सेल्सियस) तक के तापमान को झेलने के लिए हीट शील्ड के साथ बनाया गया है और इसे सूर्य के कठोर वातावरण को सहने के लिए इंजीनियर किया गया है।

अंतरिक्ष यान कम से कम सितंबर 2025 तक इस दूरी पर सूर्य का चक्कर लगाना जारी रखेगा। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि वे बेहतर तरीके से समझ पाएंगे कि कोरोना सूर्य की सतह से सैकड़ों गुना अधिक गर्म क्यों है और  सोलर हवा को क्या चलाता है, जो लगातार सूर्य से दूर जाने वाले आवेशित कणों की सुपरसोनिक स्ट्रीम है।

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Edited By

Ankita Pandey

First published on: Dec 24, 2024 05:20 PM

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