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Religion

पूजा में क्यों बजाई जाती है घंटी, जानिए किस धातु की होती है ज्यादा शुभ?

पूजा में घंटी बजाने की परंपरा काफी प्राचीन है। शास्त्रों के अनुसार पूजा में घंटी बजाकर ईश्वर का आह्वान किया जाता है। घंटी बजाना काफी शुभ माना जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि किस धातु की घंटी सबसे ज्यादा शुभ होती है। अगर नहीं तो आइए जानते हैं।

Author Edited By : Mohit Updated: Apr 5, 2025 18:03
hindu puja

जब हम मंदिर जाते हैं तो सबसे पहले घंटा बजाते हैं। इसी प्रकार जब घर में पूजा शुरू करते है तो सबसे पहले घंटी बजाते हैं। शास्त्रों के अनुसार घंटा या घंटी बजाकर हम ईश्वर का आह्वान करते हैं और मंदिर में हम अपने आने की सूचना उस देवता को देते हैं, जिनके हम मंदिर गए होते हैं। इसके साथ ही वैज्ञानिकों के अनुसार घंटी बजाने से उत्पन्न वाइव्रेशन से वातावरण में मौजूद हानिकारक जीवाणु, विषाणु और सूक्ष्म जीव नष्ट होते हैं। इसके साथ ही घंटी का वाइव्रेशन हमारी मेंटल हेल्थ को भी संतुलित करता है।

माना जाता है कि जब मंदिर या पूजा में घंटे, शंख आदि वाद्य यंत्र बजाए जाते हैं तो देवी और देवताओं की प्रतिमा में चेतना जागृत हो जाती है। घंटी बजाने से भगवान के सामने आपकी हाजिरी भी लग जाती है। स्कंद पुराण के अनुसार घंटी से ‘ॐ’ की ध्वनि निकलती है, जो नकारात्मक ऊर्जा का नाश करती है। घंटी से निकलने वाली ध्वनि शरीर के सातों चक्रों पर इफेक्ट डालती है। इसके साथ ही घंटी किसी धातु की ज्यादा शुभ होती है, इसके बारे में कई मान्यताएं हैं। आइए जानते हैं कि घर में किस धातु की घंटी पूजा में बजाना ज्यादा शुभ होता है।

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तांबे की घंटी

तांबा एक शुद्ध और ऊर्जा से भरपूर धातु है। इससे बनी घंटी से निकलने वाली ध्वनि वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा को कम करती है। यह शरीर के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड को बैलेंस करने में मदद करता है। इसकी ध्वनि कान और दिमाग को शांत करती है। तांबा सूर्य और अग्नि का प्रतीक है, इसलिए इसे ऊर्जा और शक्ति का स्रोत माना जाता है।

पीतल की घंटी

सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली घंटी पीतल की होती है। इसकी ध्वनि सबसे ज्यादा गूंजदार और स्थिर होती है, जो पूजा के माहौल को और भी पवित्र बना देती है। पीतल तांबा और जिंक का मिश्रण होता है, जो ध्वनि की क्वालिटी को बढ़ाता है। इसकी ध्वनि से दिमाग में पॉजिटिव सिग्नल्स जाते हैं, जिससे ध्यान केंद्रित होता है।

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अष्टधातु की घंटी

अष्टधातु में आठ पवित्र धातुएं होती हैं। इसमें सोना, चांदी, तांबा, सीसा, टिन, जस्ता, लोहा, और पारा होता है। इसे बेहद शक्तिशाली और शुभ माना जाता है। इससे निकली ध्वनि से शरीर की एनर्जी बैलेंस्ड होती है।

चांदी की घंटी

चांदी चंद्रमा से जुड़ी धातु है, जिससे मन को शांति, संतुलन और ठंडक मिलती है। चांदी की घंटी शिव, चंद्र और लक्ष्मी पूजा में उपयोगी मानी जाती है। इसकी ध्वनि मानसिक तनाव को कम करती है।

सोने की घंटी

सोना सबसे पवित्र और सात्त्विक धातु मानी जाती है। इसकी घंटी से निकलने वाली ध्वनि धीमी लेकिन गहरी होती है, जो आत्मिक शांति देती है। यह मेडिटेशन और स्पिरिचुअल एनर्जी को बढ़ाता है। देवी लक्ष्मी और तांत्रिक पूजा में सोने की घंटी बहुत शुभ मानी जाती है।

कौन सी घंटी है ज्यादा शुभ?

शास्त्रों की मानें तो रोज पूजा के लिए पीतल या तांबे की घंटी उत्तम रहती है। वहीं, विशेष अनुष्ठान या तांत्रिक साधना के लिए अष्टधातु या चांदी की घंटी अच्छी मानी जाती है। आध्यात्मिक जीवन के लिए सोने की घंटी ज्यादा अच्छी होती है। इसका उपयोग विशेष अवसरों पर ही होता है।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Edited By

Mohit

First published on: Apr 05, 2025 06:03 PM

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