हिंदू धर्म में किसी भी प्रकार का मांगलिक कार्य बिना शुभ मुहूर्त के नहीं होता है। अभी खरमास चल रहे थे, जिसके चलते कई प्रकार के मांगलिक कार्य वर्जित हो गए थे। इनमें शादी, मुंडन, गृहप्रवेश आदि कार्यों पर रोक लग गई थी। इसका मुख्य कारण सूर्य हैं। दरअसल सूर्य जब अपनी उच्च राशि मेष में होते तब खरमास की समाप्ति हो जाती है। सूर्य 14 अप्रैल 2025 को मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करने वाले हैं। मेष राशि में सूर्य के प्रवेश करते ही खरमास की समाप्ति हो जाएगी।
खरमास की शुरुआत 14 मार्च 2025 में हुई थी, जब सूर्य ने मीन राशि में प्रवेश किया था। उस दिन से कुछ शुभ कार्य होना बंद हो गए थे। इसके साथ ही जब भी सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं, तब भी खरमास की शुरुआत हो जाती है। ये दोनों राशि के स्वामी बृहस्पति हैं। इसका मतलब है कि जब भी सूर्य बृहस्पति की राशि में पहुंचते हैं तब खरमास शुरू हो जाते हैं। अब खरमास की समाप्ति के साथ ही शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाएगी।
14 अप्रैल से जून तक हैं शुभ मुहूर्त
14 अप्रैल से 9 जून तक करीब 30 दिन विवाह के शुभ मुहूर्त रहने वाले हैं। वहीं, 6 जुलाई के बाद विवाह के शुभ मुहूर्त पर विराम लग जाएगा। इसके बाद 2 नवंबर से शादी के लिए फिर शुभ मुहूर्त आएंगे। अभी 14 अप्रैल से 9 जून तक शादी, गृह प्रवेश, भूमि-भव, मूर्ति प्रतिष्ठा, मुंडन, यज्ञोपवीत संस्कार, मांगलिक कार्य किए जा सकेंगे।
शादी के लिए ये हैं शुभ मुहूर्त
अप्रैल – 14, 16, 18, 19, 20, 21, 25, 29, 30
मई – 1, 5, 6, 8, 10, 14, 15, 16, 17, 18, 22, 23, 24, 27, 28
जून- 2, 4, 5, 7, 8, 9
इन ग्रहों के अस्त होने पर नहीं होते हैं मांगलिक कार्य
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्र और गुरु ग्रह के अस्त होने के दौरान भी मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। वहीं, 6 जुलाई को देवशयनी एकादशी है, इस दिन भगवान विष्णु चार महीने तक निद्रा में चले जाएंगे। इस कारण चार महीने के लिए फिर से शुभ कार्यों में रोक लग जाएगी। 2 नवंबर को देवउठनी एकादशी के साथ मांगलिक कार्य दोबारा प्रारंभ हो जाएंगे।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्रों पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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