Vastu Shastra: वास्तु शास्त्र का एक मात्र उद्देश्य मानव कल्याण है। यह पूर्णरूपेण भारतीय विद्या है, जो विभिन्न देशों में भिन्न-भिन्न स्वरूप और नाम से जाना जाता है। इस शास्त्र में राहु और केतु को बेहद अनिष्टकारी अनिष्टकारी बताया है। बता दें कि वैदिक ज्योतिष में राहु और केतु को छाया ग्रह माना गया है। इन दोनों ग्रहों का कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है, फिर भी, इनका काफी गहरा प्रभाव पृथ्वी और मानव जीवन पर पड़ता है। वहीं, वास्तु शास्त्र में इन ग्रहों को नकारात्मक ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत माना गया है। ये व्यक्ति के मन में नकारात्मक विचार पैदा करने के लिए कुख्यात हैं, जो जीवन में अशांति लाते हैं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, अस्थिरता और अनिश्चितता राहु और केतु का सबसे बड़ा अवगुण है, जिससे जीवन पर व्यापक असर पड़ता है, क्योंकि ये ग्रह किसी भी व्यक्ति के जीवन में अचानक बदलाव ला सकते हैं, जो अक्सर अनिष्टकारी होते हैं। आइए वास्तु शास्त्र के अनुसार जानते हैं कि घर की किस दिशा में राहु और केतु का वास माना गया है। साथ ही हम यह भी जानेंगे कि घर में राहु-केतु में कौन-कौन सी वस्तुएं नहीं रखनी चाहिए, वरना कंगाल होते देर नहीं लगती है?
घर की इस दिशा में होता है राहु-केतु का वास
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के दक्षिण-पश्चिम कोण को राहु-केतु का स्थान माना जाता है। वास्तु के मुताबिक घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा को नैऋत्य दिशा कहा जाता है. राहु-केतु का प्रभाव होने के कारण घर का ये कोना अस्थिरता का प्रतिनिधित्व करता है। सच तो यह है कि वास्तु की भाषा में दक्षिण-पश्चिम दिशा को बहुत खराब माना गया है और इसे दुर्भाग्य और नर्क की दिशा भी कहा गया है। इस कारण से इस जगह रखे जाने वाले सामान को रखते समय कई बातों का ध्यान रखना चाहिए. ऐसा करके जीवन में सुख एवं समृद्धि भरा माहौल बनाया जा सकता है.
यदि घर में राहु और केतु का प्रभाव अधिक होता है, तो इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है और परिवार के सदस्यों को कई तरह की परेशानियां होती हैं। इसीलिए, इस कोण में कुछ चीजें रखने से बचना चाहिए। आइए जानते हैं, घर की इस दिशा कौन-कौन सी वस्तुएं नहीं रखनी चाहिए?
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राहु-केतु की दिशा न रखें ये चीजें
तिजोरी: वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर का दक्षिणी और पश्चिम दिशा, जिसमें राहु और केतु का राज होता है, वहां भूल से भी यहां धन या छोटी तिजोरी नहीं रखनी चाहिए। कहते इससे आदमी को कंगाल होते देर नही लगती है।
सोना-चांदी और आभूषण: वास्तु के मुताबिक घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में कीमती सामान जैसे सोना और चांदी से बने आभूषण, जेवर, यंत्र और अन्य शुभ वस्तुएं नहीं रखनी चाहिए। इससे धन का भारी नुकसान होता है।
घर का मंदिर, मूर्ति या चित्र: घर का मंदिर बहुत पवित्र स्थान माना जाता है। ऐसे में पूजा घर कभी भी राहु और केतु के राज करने वाले जगह और दिशा में नहीं बनवाना चाहिए। इससे प्राणों पर भी आ सकता है, क्योंकि देवी-देवता आपके पूजा और प्रार्थना को स्वीकार ही नहीं करेंगे।
तुलसी का पौधा: घर की नैऋत्य दिशा में भूल से भी तुलसी का पौधा नहीं लगाना चाहिए। हिन्दू धर्म में तुलसी जी माता के रूप में पूजी जाती हैं। इस दिशा तुलसी के पौधे को लगाने भगवान विष्णु अप्रसन्न होते हैं, मां तुलसी उनको बेहद प्रिय हैं। इससे घर में सुख-शांति चली जाती है। आपको बात दें कि राहु और केतु को धड़ और सिर के अलग करने वाले देवता भगवान विष्णु ही हैं।
स्टडी का स्थान और किताब: घर के दक्षिण और पश्चिम दिशा में स्टडी का स्थान और बच्चों के पढ़ाई का सामान किताब आदि नहीं रखना चाहिए। इससे बच्चों की पढ़ाई, उनकी मेमोरी पावर आदि पर राहु-केतु का नकारात्मक असर होता है।
वास्तु शास्त्र के एक्सपर्ट के अनुसार, इस कोण में अलमारी जैसी ऊंची और भारी चीज, धातु या लकड़ी की भारी-भरकम वस्तु जैसे, ट्रंक, संदूक जैसी वस्तुएं रखने से राहु-केतु का प्रभाव घट सकता है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।