Vaishakh Month: हिंदू कैलेंडर के दूसरे महीने की शुरुआत हो चुकी है। वैशाख माह को बहुत शुभ माना जाता है। इस महीने अक्षय तृतीया का पर्व भी है। इसके अलावा अलग-अलग ग्रह द्वारा राशि और नक्षत्र परिवर्तन भी किया जाएगा। ये माह कई लिहाज से शुभ रहेगा। वैशाख महीने को वैशाख मास और माधव मास भी कहा जाता है। ये महीना 14 अप्रैल से 13 मई 2025 तक रहेगा। धर्म की अच्छी खासी जानकारी रखने वाली नम्रता पुरोहित ने वैशाख मास का महत्व, दान-पुण्य और क्या करना सही है? आदि के बारे में बताया है। आइए जानते हैं।
वैशाख महीने का महत्व
इस महीने भगवान श्री हरि विष्णु के साथ ही साथ देवी की उपासना की जाती है। इस महीने भगवान विष्णु के अवतार परशुराम का प्राकट्योत्सव भी मनाया जाता है। यह मास इसलिए भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि साल भर में एक ही बार बांके बिहारी के चरणों के दर्शन वैशाख महीने में ही होते हैं।
दान-स्नान का खास महत्व
इसके साथ ही पवित्र सरोवर पवित्र नदियों विशेष कर गंगा नदी में स्नान दान पुण्य का महत्व होता है। वैशाख मास में ही ब्रह्मा जी ने तिल का निर्माण किया था। इसलिए इस मास तिल का विशेष प्रयोग किया जाता है भोजन, स्नान और दान-पुण्य में काले और सफेद तिलों का प्रयोग जरूर करें।
वैशाख माह में किन चीजों का दान करें?
- जल
- घड़े
- चरु
- मिट्टी के बर्तन
- सत्तू
- शरबत
- खीरा
- खरबूज
- तरबूज
- छाता
- जूते
- चप्पल
इस माह से मंगल कार्य की शुरुआत
मां लक्ष्मी और श्री हरि विष्णु की कृपा पाने का पर्व अक्षय तृतीया और मोहिनी एकादशी भी वैशाख मास में ही आती है। सभी प्रकार के मंगल कार्यों की शुरुआत हो जाती है। वैशाख मास मौसम बदलने का समय होता है गर्मी की शुरुआत हो जाती है बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है इसलिए खानपान पर विशेष ध्यान रखना होता है।
वैशाख मास में क्या करें?
वैशाख मास के साथ ही अधिक गर्मी की शुरुआत हो जाती है। इस महीने में लिक्विड यानी फलों का जूस, सत्तू और पानी ज्यादा से ज्यादा मात्रा में सेवन करना चाहिए। तेल वाली चीज गरिष्ठ भोजन कम कर देना चाहिए। सुबह जल्दी उठना चाहिए और जल्दी सोना चाहिए। कोशिश करें भूमि पर ही सोएं। कोशिश करें कि पवित्र नदियों या सरोवर पर स्नान करें। ऐसा संभव न हो तो घर में ही नहाने के पानी में काले तिल और गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
जल का उपयोग ज्यादा से ज्यादा करें, लेकिन संतुलित मात्रा में करें। जल को बर्बाद ना करें। इस महीने में मां लक्ष्मी की पूजा बेलपत्र से जरूर करें इससे आर्थिक समृद्धि की प्राप्ति होती है। गीता का पाठ करें। विष्णु सहस्त्रनाम और विष्णु चालीसा पढ़ें। तुलसी में जल जरूर चढ़ाएं।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।