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19 जून को 6 शुभ योग का महासंयोग, बुध प्रदोष व्रत पर करें 3 उपाय, जानें पूजा मुहूर्त

Budh Pradosh Vrat 2024: 19 जून, 2024 को पड़ रहे बुध प्रदोष व्रत के दिन एक साथ 6 योग का महासंयोग बनने से यह दिन काफी खास बन गया है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा और उपाय करने से सौभाग्य और समृद्धि में वृद्धि होती है। आइए जानते हैं, किस मुहूर्त में करें महादेव शिव की पूजा?

Edited By : Shyam Nandan | Updated: Jun 17, 2024 17:54
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Budh Pradosh Vrat 2024: भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह व्रत हर महीने की त्रयोदशी यानी तेरहवीं तिथि को रखा जाता है। तेरह संख्या को प्रायः सभी संस्कृतियों में अशुभ माना गया है। लेकिन वैदिक ग्रंथों के विधान ने इसे महादेव शिव को समर्पित कर इस तिथि अतिशुभ बना दिया है। यह व्रत प्रत्येक माह की दोनों त्रयोदशी तिथियों को रखा जाता है। ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 19 जून बुधवार को पड़ रही हैं। बुधवार को पड़ने के कारण यह प्रदोष व्रत के ‘बुध प्रदोष व्रत’ है, जिसे बहुत शुभ माना गया है।

बुध प्रदोष व्रत पूजा का मुहूर्त

पंचांग के मुताबिक, ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि जून 19 को सुबह 7 बजकर 28 मिनट से आरंभ होगी और जून 20 की सुबह 7 बजकर 49 मिनट पर समाप्त होगी। जहां तक बुध प्रदोष व्रत की पूजा के मुहूर्त की बात है, तो इसकी कुल अवधि 2 घंटे की है, जो संध्या 7 बजकर 22 मिनट से लेकर 9 बजकर 22 मिनट तक है। इस अवधि में की गई पूजा सबसे बढ़िया फल देने सक्षम है।

इन 6 शुभ योग का महासंयोग

हिन्दू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की त्रयोदशी तिथि को एक साथ 6 शुभ योग बन रहे हैं। इन योगों का महासंयोग होने से यह प्रदोष व्रत बहुत फलदायी बन गया है। ये शुभ योग हैं:

क्र.सं. योग/नक्षत्र समयावधि
1 सिद्ध योग सुबह से रात के 9 बजकर 12 मिनट तक
2 साध्य योग रात के 9 बजकर 12 मिनट से अगले दिन की रात 08 बजकर 13 मिनट तक
3 सर्वार्थ सिद्धि योग संध्या 5 बजकर 23 मिनट से अगले दिन सुबह 5 बजकर 24 मिनट तक
4 रवि योग संध्या 5 बजकर 23 मिनट से अगले दिन सुबह 5 बजकर 24 मिनट तक
5 अमृत सिद्धि योग शाम 5 बजकर 23 मिनट से अगले दिन सुबह 5 बजकर 24 मिनट तक
6 अनुराधा नक्षत्र संध्या 5 बजकर 23 मिनट से अगले दिन संध्या 6 बजकर 10 मिनट तक

 

सौभाग्य के लिए करें ये 3 उपाय

प्रदोष व्रत के दिन साधक और साधिका भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा और उपाय करते हैं, ताकि शिवकृपा से उनकी मनोकामना पूरी हो और अभीष्ट फल की प्राप्ति हो।

1. शिवलिंग का विशेष अभिषेक करें: बुध प्रदोष व्रत के दिन शिवालय या मंदिर में शिवलिंग का गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद, बेलपत्र, फल, फूल और नैवेद्य से अभिषेक करें। अभिषेक करते समय शिव षडाक्षरी मंत्र ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें। देवाधिदेव महादेव के दिव्य रूप शिवलिंग का देवदार की लकड़ी के धूप के धुएं से सुगंधि दें और सुवासित करें।

2. शिव रुद्राक्ष धारण करें: बुध प्रदोष व्रत के दिन 7 मुखी रुद्राक्ष धारण करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इसे को धागे में पिरोकर पहनें और हमेशा शुद्ध रखें।

3. जल-तिल से अभिषेक करें: यदि आपके मन का सोचा हुआ काम पूरा नहीं हो रहा है, तो जल में काले तिल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें। इससे बिगड़े हुए काम भी बन जाते हैं।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

First published on: Jun 17, 2024 05:54 PM

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