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Shani Jayanti 2025: शनि जन्मोत्सव पर इस मुहूर्त में पूजा करने से मिलेगा पुण्य, जानें तिथि

हर साल ज्येष्ठ माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को शनि जयंती मनाई जाती है, जिस दिन कर्मफल दाता की पूजा करना शुभ माना जाता है। चलिए जानते हैं शनि जयंती की सही तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि के बारे में।

Author Edited By : Nidhi Jain Updated: May 6, 2025 13:01
Shani Jayanti 2025

शनि देव को कर्मफल और न्याय का देवता माना जाता है, जो व्यक्ति को उनके बुरे और अच्छे कर्मों का फल देते हैं। शनि देव के पिता सूर्य देव और माता देवी छाया हैं, जबकि उनकी पत्नी का नाम देवी मंदा है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, प्राचीन काल में ज्येष्ठ माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को शनि देव का जन्म हुआ था। इसलिए हर साल इस तिथि पर शनि जन्मोत्सव मनाया जाता है, जिसे शनि जयंती के नाम से भी जाना जाता है।

शनि जयंती के पावन दिन न्याय के देवता की पूजा की जाती है। साथ ही उन्हें उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाया जाता है। इसके अलावा दान करना और व्रत रखना शुभ रहता है। इससे व्यक्ति को शनि दोष, साढ़ेसाती, ढैय्या और नकारात्मक ऊर्जा आदि परेशानियों से मुक्ति मिलती है। चलिए जानते हैं साल 2025 में किस दिन शनि जन्मोत्सव मनाया जाएगा।

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2025 में कब है शनि जयंती?

वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार, इस साल ज्येष्ठ माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का आरंभ 26 मई 2025 को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट पर हो रहा है, जिसका समापन अगले दिन 27 मई 2025 को सुबह 08 बजकर 31 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के आधार पर इस बार 27 मई 2025 को शनि जन्मोत्सव यानी शनि जयंती मनाई जाएगी।

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27 मई 2025 के मुहूर्त

  • सूर्योदय- प्रात: काल 5:45
  • ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: काल में 04:09 से लेकर 04:57 मिनट तक
  • अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11:57 से दोपहर 12:50 मिनट तक
  • राहुकाल- दोपहर 3:43 से लेकर शाम 5:22 मिनट तक

27 मई 2025 के शुभ योग

  • सुकर्मा योग- प्रात: काल 02:54 से लेकर देर रात 10:54 मिनट तक
  • सर्वार्थसिद्धि योग- प्रात: काल में 05:32 से लेकर 05:45 मिनट तक
  • धृति योग- देर रात 10:54 से लेकर अगले दिन शाम 07:08 मिनट तक

शनि जयंती की पूजा विधि

  • ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि कार्य करने के बाद शुद्ध नीले या काले रंग के कपड़े धारण करें।
  • सूर्य देव को जल अर्पित करें। इस दौरान सूर्य मंत्रों का जाप करें।
  • घर के मंदिर में गंगाजल का छिड़काव करें।
  • शनि देव की मूर्ति घर में नहीं रखनी चाहिए। इसलिए अपने मन में शनि देव का स्मरण करें।
  • घर के मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
  • हाथ जोड़कर व्रत का संकल्प लें।
  • व्रत का पारण करने से पहले गरीबों को दान जरूर दें।

शनि जयंती पर किन चीजों का दान करना चाहिए?

  • धन
  • सरसों के तेल
  • तिल
  • वस्त्र
  • गुड़
  • काली उड़द
  • काला छाता
  • लोहा
  • पानी
  • गन्ने का रस
  • अनाज

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Edited By

Nidhi Jain

First published on: May 06, 2025 01:01 PM

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