हिंदू धर्म में धन और समृद्धि को माता लक्ष्मी का आशीर्वाद माना जाता है। गरुड़ पुराण, श्रीसूक्त, और विष्णु पुराण में धन के मैनेजमेंट और यूज के लिए कई धार्मिक और आध्यात्मिक उपाय बताए गए हैं। सैलरी या आय प्राप्त होने पर कुछ विशेष धार्मिक कार्य करने से न केवल धन की बरकत होती है, बल्कि आर्थिक तंगी से भी बचा जा सकता है। ये कार्य माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु को प्रसन्न करते हैं। इसके साथ ही व्यक्ति को भगवान गणेश और कुबेर की कृपा भी प्राप्त होती है। जिससे लाइफ में धन और समृद्धि आती है। आइए जानते हैं कि सैलरी आते ही किन कामों को करना चाहिए, जिससे आर्थिक स्थिरता बनी रहे और धन की कमी कभी न हो।
माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा
श्रीसूक्त के अनुसार, माता लक्ष्मी धन की अधिष्ठात्री देवी हैं और उनकी पूजा से धन की स्थिरता बनी रहती है। सैलरी मिलते ही सबसे पहले माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करें। यह कार्य सैलरी मिलने के दिन या अगले दिन सुबह करें। इसके लिए घर के मंदिर में दीपक जलाएं और माता लक्ष्मी को कमल का फूल, सफेद मिठाई और खीर का भोग लगाएं। इसके साथ ही ‘ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें। भगवान विष्णु को तुलसी पत्र अर्पित करें। विष्णु पुराण के अनुसार, लक्ष्मी-विष्णु की पूजा से धन का अपव्यय रुकता है और आय के नए स्रोत बनते हैं। यह कार्य आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देता है।
भगवान गणेश को सैलरी का कुछ हिस्सा करें अर्पित
गणपति अथर्वशीर्ष में भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और सुख-समृद्धि का दाता बताया गया है। सैलरी मिलने पर गणेश जी को धन का एक छोटा हिस्सा (जैसे 10, 51, या 101 रुपये) अर्पित करें। सैलरी का यह हिस्सा गणेश मंदिर में दान करें या घर के मंदिर में गणेश जी के सामने रखकर ‘ॐ गं गणपतये नमः’ मंत्र का 21 बार जाप करें। इसके बाद में इस राशि को किसी जरूरतमंद को दान कर दें या धार्मिक कार्य में उपयोग करें। यह कार्य विघ्नों को दूर करता है और धन के प्रवाह को सुचारू रखता है। शास्त्रों के अनुसार, गणेश जी की कृपा से कार्यों में सफलता मिलती है और धन की हानि नहीं होती।
दान-पुण्य और जरूरतमंदों की सहायता
गरुड़ पुराण में दान को धन वृद्धि और पाप नाश का साधन बताया गया है। सैलरी मिलते ही अपनी आय का एक छोटा हिस्सा (1-5%) दान करने का संकल्प लें। इसके लिए आप गरीबों को अन्न, वस्त्र, या धन दान करें। विशेष रूप से गाय को हरा चारा, ब्राह्मण को भोजन या किसी मंदिर में तिल के तेल का दान करें। दान देते समय ‘ॐ कुबेराय नमः’ मंत्र का जाप करें। शास्त्रों के अनुसार, दान से धन में बरकत होती है और माता लक्ष्मी प्रसन्न रहती हैं। यह कार्य नकारात्मक कर्मों को कम करता है और आर्थिक तंगी से बचाता है।
तुलसी पूजा और दीपदान
पद्म पुराण के अनुसार तुलसी माता लक्ष्मी का स्वरूप हैं और उनकी पूजा से धन और समृद्धि में वृद्धि होती है। सैलरी मिलने के बाद तुलसी पूजा और दीप दान करें। तुलसी के पौधे को जल अर्पित करें और घी का दीपक जलाएं। इसके साथ ही ‘ॐ श्री तुलस्यै नमः’ मंत्र का 11 बार जाप करें। इसके बाद किसी मंदिर में घी का दीपक दान करें। तुलसी पूजा से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और धन का अपव्यय रुकता है। यह कार्य परिवार में सुख-शांति और आर्थिक स्थिरता लाता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्रों पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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