Ravi Pradosh Vrat Upay 2024: हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र महीने का पहला प्रदोष व्रत 21 अप्रैल, 2024 को पड़ रहा है, जो हिन्दू कैलेण्डर का पहला प्रदोष व्रत होने के कारण भी एक खास महत्व रखता है। चैत्र मास की त्रयोदशी तिथि यानी 21 अप्रैल को रविवार है, इसलिए यह एक ‘रवि प्रदोष व्रत’ है, जिसे काफी उत्तम माना गया है।
साथ ही, चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष में होने के कारण यह प्रदोष व्रत विशेष शुभ और मंगलकारी है। त्रयोदशी तिथि 20 अप्रैल 2024 को रात 10 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगी और 22 अप्रैल 2024 को मध्यरात्रि में 01 बजकर 11 मिनट पर समाप्त होगी। इस व्रत की पूजा और आराधना के लिए शुभ मुहूर्त शाम 4:57 बजे से 7:27 बजे तक है।
शिव और सूर्य कृपा एकसाथ
हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत भगवान शिव और देवी पार्वती की आराधना के लिए विशेष फलदायी माना गया है। चूंकि यह व्रत रविवार को पड़ रहा है, इसलिए यह सूर्य आराधना के लिए भी काफी उत्तम और लाभकारी है। जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर उन्हें यह रवि प्रदोष जरूर करना चाहिए। इससे उनकी यश और प्रतिष्ठा में वृद्धि होने अवसर बढ़ेंगे।
रवि प्रदोष व्रत का महत्व
सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार, प्रदोष व्रत को करने से न केवल पुण्य की प्राप्ति होती है, बल्कि पूर्व में किए गए पापों का भी नाश होता है। प्रदोष व्रत भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। मान्यता है कि शिव-कृपा से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
प्रचलित मान्यताओं के मुताबिक, चैत्र महीने के रवि प्रदोष व्रत के दिन सूर्य भगवान की विधिवत आराधना और पूजा करने से सभी प्रकार के रोगों और कष्टों से मुक्ति मिलती है।
प्रदोष व्रत पर करें ये उपाय
यहां कुछ प्रदोष व्रत के उपाय बताए गए हैं, जिनका उल्लेख धार्मिक पुस्तकों और व्रत फल पुस्तिकाओं में मिलता है। माना जाता है कि ये उपाय साधक और साधिका जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
1. किसी विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए रवि प्रदोष व्रत के दिन 11 बेलपत्र पर चंदन से ‘ॐ नमः शिवाय’ लिखकर भगवान शिव को अर्पित करें।
2. धन प्राप्ति के लिए लाल चंदन, घी और शहद से शिवलिंग का अभिषेक करें।
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3. वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि के लिए भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा के सामने 7 दीप प्रज्ज्वलित करें।
4. घर और जीवन में शांति के लिए “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें। यदि संभव हो तो 11 माला का जाप करें, इससे विशेष लाभ होगा।
5. सूर्य ग्रह से संबंधित दोष को कम और समाप्त करने के लिए ‘ॐ सूर्याय नम:’ एक शक्तिशाली मंत्र है। इसका जाप करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं और प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।
6. प्रदोष व्रत के दिन ‘ॐ घृणि सूर्याय नम:’ के जाप से हर प्रकार के रोग और शोक से मुक्ति मिलती है।
7. यश और प्रतिष्ठा में वृद्धि के लिए ‘ॐ ऐहि सूर्य सहस्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:’ मंत्र का जाप करें, जो भगवान सूर्य का विशेष मंत्र है. इसका विधिवत जाप समृद्धि और धन प्राप्ति के लिए लाभदायक है।
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8. रोगों से मुक्ति के लिए भगवान शिव को भस्म अर्पित करें और शिव मंदिर में दीपदान करें। साथ ही महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यता पर आधारित है। News24 Hindi इसकी पुष्टि नहीं करता है।