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Putrada Ekadashi Upay: निसंतान दंपति एकादशी पर जरूर करें ये 3 उपाय, संतान की चाह हो सकती है पूरी

Putrada Ekadashi 2025: हर साल बड़ी संख्या में भक्तजन भगवान विष्णु को समर्पित पुत्रदा एकादशी का व्रत रखते हैं। आमतौर पर ये व्रत संतान सुख के लिए रखा जाता है। हालांकि अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए भी कई माताएं ये उपवास रखती हैं। व्रत रखने के साथ-साथ इस दिन कुछ विशेष उपाय करने भी लाभदायक रहते हैं। चलिए अब जानते हैं पुत्रदा एकादशी के तीन अचूक उपायों के बारे में।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Nidhi Jain Updated: Aug 1, 2025 14:27
Putrada Ekadashi 2025
Credit- Freepik

Putrada Ekadashi 2025 Upay: एकादशी का व्रत बहुत ही प्रभावशाली होता है। साल में कुल 24 बार एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस वक्त अगस्त का महीना चल रहा है, जिस दौरान पुत्रदा एकादशी और अजा एकादशी का व्रत रखा जाएगा। द्रिक पंचांग के अनुसार, हर साल सावन माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पुत्रदा एकादशी मनाई जाती है। इस दिन जगत के पाहनहार भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। जहां निसंतान दंपति संतान सुख के लिए ये व्रत रखते हैं, वहीं कई माताएं अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए ये उपवास रखती हैं।

साल 2025 में 04 अगस्त की सुबह 11:41 मिनट से 05 अगस्त की दोपहर 01:12 मिनट तक सावन माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि रहेगी। ऐसे में 05 अगस्त 2025, वार मंगलवार को पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाएगा। जबकि व्रत का पारण 06 अगस्त को सूर्योदय के बाद होगा। आइए अब जानते हैं पुत्रदा एकादशी के तीन अचूक उपायों के बारे में।

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पुत्रदा एकादशी के उपाय

  • पुत्रदा एकादशी के दिन निसंतान दंपति देवी तुलसी की पूजा करें और पौधे के पास घी का एक दीपक जलाएं। इस दौरान विष्णु मंत्र का जाप करें और अपनी इच्छा को तीन बार बोलें। इस उपाय से आपकी इच्छा जल्द पूरी हो सकती है।
  • शास्त्रों मे बताया गया है कि यदि कोई व्यक्ति सच्चे मन से भगवान विष्णु को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाता है तो उस पर वो अपनी विशेष कृपा बनाए रखते हैं। खासकर पुत्रदा एकादशी पर विष्णु जी और मां लक्ष्मी को चावल से बनी खीर का भोग लगाना शुभ होता है। खीर का भोग लगाने के बाद देवी-देवताओं से अपने मन की बात बोलें और जाने-अनजाने में किए गए पापों के लिए माफी मांगें। ऐसा करने से आपकी इच्छा जल्द पूरी हो सकती है। साथ ही संतान के जीवन में चल रही समस्याएं दूर होने लगेंगी।
  • पीले रंग विष्णु जी का अति प्रिय है। इसलिए पुत्रदा एकादशी पर विष्णु जी को पीले रंग के फूल, फल और मिठाई अर्पित करें। साथ ही व्रत की कथा पढ़ें। इससे आपको विष्णु जी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होगा। साथ ही संतान सुख की चाह पूरी हो सकती है। ये उपाय माताएं अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए भी कर सकती हैं।

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पुत्रदा एकादशी व्रत के नियम

निर्जला और फलाहार दोनों तरह से पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जा सकता है। लेकिन फलाहार दिन में केवल एक बार ही करना चाहिए। वहीं, अगर आपने व्रत का संकल्प लिया है तो उसे बीच में न तोड़ें। इससे आपको पाप लग सकता है। इसके अलावा व्रती को पुत्रदा एकादशी के व्रत की कथा पढ़नी या सुननी जरूर चाहिए।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Aug 01, 2025 02:27 PM

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