Premanand Maharaj Viral Video: मानसिक संतुलन का अभाव कई बार डिप्रेशन के रूप में सामने आता है जहां व्यक्ति निराशा, अकेलेपन, चिंता और मनोवैज्ञानिक अस्थिरता का अनुभव करता है। यह स्थिति तनाव, असफलता, भावनात्मक आघात या जीवन की समस्याओं के कारण उत्पन्न हो सकती है। वहीं दूसरी ओर बहुत से लोग डिप्रेशन को साया यानी किसी नकारात्मक शक्ति या परामानविक प्रभाव का परिणाम मानते हैं। इसी संदर्भ में एक भक्त ने प्रेमानंद महाराज से पूछा कि डिप्रेशन मानसिक परेशानी है या किसी नकारात्मक शक्ति (साया) का असर? इस प्रश्न को सुनकर प्रेमानंद महाराज ने बहुत ही सहजता और
शांति से उत्तर दिया।
प्रेमानंद महाराज कहते हैं
“मानसिक संतुलन का अभाव न तो कोई साया है और न ही डिप्रेशन कोई आत्मिक प्रकोप है। जब लोग आपके मन में यह भर देते हैं कि आप डिप्रेशन में हैं या किसी साया का शिकार हैं तो मन खुद वैसा सोचने लगता है। लोग कहते हैं कि किसी व्यक्ति पर ऊपरी चक्कर है लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता। यह सब पाप कर्म होते हैं जो व्यक्ति की बुद्धि को भ्रष्ट कर देते हैं। यह जो भूत-प्रेत आते हैं वह भी मनुष्य के भीतर पाप के कारण ही आते हैं। जो भी गलत किया होता है उसके परिणामस्वरूप ये परेशान करते हैं। जब पाप का हिसाब पूरा हो जाता है तो यह भूत-प्रेत या
तो स्वयं चले जाते हैं या झाड़-फूंक द्वारा छुटकारा मिल जाता है।
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महाराज यह भी कहते हैं मानसिक संतुलन का बिगड़ना कई कारणों से हो सकता है जैसे तनाव, जीवन की असफलताएं, अकेलापन, या कभी-कभी आध्यात्मिक कमजोरी। प्रेमानंद महाराज के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति के भीतर एक दिव्य शक्ति होती है और यदि वह आध्यात्मिक रूप से जागरूक हो जाए तो मानसिक संतुलन को बनाए रखना संभव है। वे यह भी कहते हैं कि न तो हर मानसिक असंतुलन साया होता है, और न ही हर स्थिति डिप्रेशन। सच्चे साधु-संतों की संगति, भक्ति, ध्यान और नामस्मरण से व्यक्ति अपनी मानसिक स्थिति को सुधार सकता है। प्रेमानंद महाराज का यह दृष्टिकोण आधुनिक मानसिक स्वास्थ्य की समझ और आध्यात्मिक साधना के बीच एक संतुलन स्थापित करता है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है