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Pradosh Vrat 2025: कब है मार्च का पहला प्रदोष, जानिए पूजन मुहूर्त?

Pradosh Vrat 2025: फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को हिंदू वर्ष का आखिरी और मार्च महीने का पहला प्रदोष पड़ेगा। इस दिन पूजा मुहूर्त 2 घंटे 25 मिनट तक का रहेगा। इसके साथ ही इस दिन कुछ शुभ योग भी बन रहे हैं।

Author Edited By : Mohit Updated: Mar 9, 2025 23:37
प्रदोष व्रत 2025
Credit: pexels

Pradosh Vrat 2025: फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि साल 2025 में 11 फरवरी को पड़ रही है। इस कारण 11 फरवरी को ही प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इस बार यह तिथि मंगलवार को पड़ रही है। इस कारण इसे भौम प्रदोष व्रत के नाम से भी जाना जाता है। यह प्रदोष व्रत मार्च माह का पहला और हिंदू वर्ष का आखिरी प्रदोष होगा। इसके बाद हिंदू नववर्ष की शुरुआत हो जाएगी।

मान्यता है कि प्रदोष का व्रत करने से रोग, दोष, कष्ट आदि से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही हर प्रकार की मनोकामनाएं भी पूरी होती है। प्रदोष व्रत को बेहद अचूक उपाय के रूप में माना जाता है, जो जीवन के हर सुख को देता है। आइए जानते हैं कि साल 2025 के मार्च महीने के पहले प्रदोष पर कितने बजे पूजन करें?

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यह रहेगा पूजन मुहूर्त

मार्च का पहला प्रदोष 11 और दूसरा प्रदोष 27 मार्च को होगा। इस महीने में पहले प्रदोष की तिथि सुबह 8 बजकर 13 मिनट पर शुरू होगी, जो 12 मार्च को 9 बजकर 11 मिनट तक रहेगी। ऐसे में उदया तिथि को को देखते हुए इसी दिन प्रदोष का व्रत रखा जाएगा। इस दिन भोलेनाथ की पूजा का मुहूर्त शाम 6 बजकर 27 मिनट से शाम 8 बजकर 53 मिनट तक रहेगा।

बनेंगे 3 शुभ योग

इस बार मार्च के पहले प्रदोष में 3 शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और सुकर्मा योग का संयोग बन रहा है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 6 बजकर 35 से अगले दिन 12 मार्च की सुबह 2 बजकर 15 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही रवियोग त्रयोदशी तिथि में 12 मार्च की सुबह 2 बजकर 15 मिनट से सुबह 6 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। इसी प्रकार सुकर्मा योग दोपहर 1 बजकर 18 मिनट पर बनेगा और 12 मार्च की दोपहर 1 मार्च तक रहेगा। इस दिन भगवान शिव का पूजन सुकर्मा और सर्वार्थ सिद्धि योग में होगा।

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प्रदोष व्रत के दिन शिववास

मार्च के पहले प्रदोष के दिन शिववास कैलाश में हैं। यह सुबह 8 बजकर 13 मिनट तक रहेगा। इसके बाद शिववास नंदी पर है। शिववास में ही रुद्राभिषेक किया जाता है।

ऐसे करें पूजन

भौम प्रदोष के दिन सुबह नहाकर साफ कपड़े पहनें। इसके बाद भगवान शिव को जल, दूध, दही, शहद, घी, गंगाजल से अभिषेक करें। इसके साथ ही फूल फल और मिठाई भी अर्पित करें। अंत में शिव की आरती करें और अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें। इस दिन पूरे दिन व्रत रखें। शाम को शिव का दोबारा पूजन करके व्रत खोलें। व्रत खोलने के बाद गरीबों और जरूरतमंदों दान भी दें।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Edited By

Mohit

First published on: Mar 09, 2025 11:37 PM

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