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Chaitra Navratri 2025: कब है अष्टमी और नवमी तिथि का कन्या पूजन? जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

चैत्र नवरात्रि 2025 की शुरुआत 30 मार्च 2025 से होगी और समापन 6 अप्रैल 2025 को होगा। इस बार अष्टमी और नवमी तिथि कब है ये भी जान लें। इसके साथ ही कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और कन्या पूजन की तिथियां भी।

Author Edited By : Hema Sharma Updated: Mar 21, 2025 11:47
Chaitra Navratri Kanya Pujan 2025
Chaitra Navratri Kanya Pujan 2025

Chaitra Navratri 2025: चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से शुरू होने वाले है, जिनका समापन 6 अप्रैल को होगा। हर साल 4 प्रकार की नवरात्रि आती हैं, 2 गुप्त और दो प्रत्यक्ष नवरात्रि। नवरात्रि का मतलब 9 दिन से है, यानी मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा नौ दिन होती है। व्रत की समाप्ति पर कन्या पूजन किया जाता है, कुछ लोग अष्टमी तिथि को कन्या पूजन करते हैं तो कुछ लोग नवमी तिथि को। इस साल चैत्र नवरात्रि पर एक नवरात्रे का क्षय हुआ है तो लोगों में कंफ्यूजन है कि किस दिन अष्टमी और किस दिन नवमी होगी। आइए आप भी जान लीजिए ताकि शंका दूर हो जाए।

किस नवरात्र का हुआ है क्षय

सबसे पहले ये जान लेते हैं कि चैत्र नवरात्रि के कौन से व्रत का क्षय हुआ है। पंचांग के अनुसार, पंचमी तिथि का क्षय हुआ है। ऐसे में अब 9 नहीं बल्कि 8 ही नवरात्रि व्रत होंगे। वहीं ये भी जान लें कि इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आने वाली हैं। माता का हाथी पर आगमन और प्रस्थान शुभ माना जाता है। माना जाता है कि अगर माता हाथी पर सवार होकर आती हैं तो पूरे वर्ष वर्षा , समृद्धि, शांति और अच्छी फसल के योग बनते हैं। उन्नति, खुशहाली और संपन्नता आती है।

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 कब है अष्टमी और नवमी?

एक नवरात्रि का क्षय होने से लोगों में असमंजस है कि अष्टमी तिथि और नवमी तिथि कब है। 30 मार्च 2025 से शुरू हो रहे चैत्र नवरात्रि का समापन 6 अप्रैल को हो रहा है। जान लें कि अष्टमी तिथि का कन्या पूजन 5 अप्रैल को किया जाएगा और नवमी तिथि का कन्या पूजन 6 अप्रैल को किया जाएगा।

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ये कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है। इसे ऐसे ही नहीं किया जाता बल्कि शुभ मुहूर्त को देख किया जाता है। चैत्र नवरात्रि का पहला नवरात्रा 30 मार्च 2025 को है, इसी दिन कलश स्थापना भी की जाएगी। जान लें कि रविवार यानी पहले नवरात्रे के दिन सुबह 06 बजकर 13 मिनट से सुबह 10 बजकर 22 मिनट तक कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त होगा। इसके बाद अभिजीत मुहूर्त सुबह 12 बजकर 01 मिनट से दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Edited By

Hema Sharma

First published on: Mar 21, 2025 11:46 AM

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