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Kaalchakra: कब, क्यों और कैसे चढ़ता है पितृ ऋण? पंडित सुरेश पांडेय से जानें उपाय

Kaalchakra Today: कई बार तमाम प्रयास करने के बाद भी व्यक्ति अपने जीवन व परिवारवालों से खुश व संतुष्ट नहीं होता है, जिसका एक मुख्य कारण पितृ ऋण भी हो सकता है। चलिए पंडित सुरेश पांडेय से जानते हैं पितृ ऋण क्या होता है और इसके कारण व्यक्ति को किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

सांकेतिक फोटो, Credit- News24 Graphics

Kaalchakra Today 18 August 2025: शास्त्रों के अनुसार, हर एक व्यक्ति को अपने कर्मों का फल मिलता है। यदि बुरे कर्मों का फल भोगने से पहले ही व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उसका ऋण यानी कर्ज उसके कुल के लोगों को चुकाना पड़ता है। इसे ही पितृ ऋण कहा जाता है। यदि सही समय पर व्यक्ति पितृ ऋण चुका नहीं पाता है तो उसे कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हालांकि कुछ उपायों को नियमित करके पितृ ऋण से मुक्ति पाई जा सकती है।

आज के कालचक्र में प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय आपको बताने जा रहे हैं कि पितृ ऋण के कारण व्यक्ति को कौन-कौन सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। साथ ही आपको पितृ ऋण से बचने के उपाय पता चलेंगे।

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पितृ ऋण के कारण होती हैं ये समस्याएं

  • संतान का न होना
  • बार-बार गर्भपात होना
  • संतान होने के बाद बार-बार उसका बीमार पड़ना
  • संतान की मानसिक स्थिति का ठीक नहीं रहना
  • संतान का बुरी संगत में फंसना
  • समाज-परिवार में मान-सम्मान कम मिलना
  • बार-बार नौकरी छूटना
  • बार-बार कोई दुर्घटना होना

पितृ ऋण है तो इन बातों का रखें ध्यान

  • अमावस्या तिथि पर मांसाहार और शराब का सेवन न करें।
  • तामसिक कर्म करने से परहेज करें।
  • दिवंगत पितरों के बारे में अपशब्द न कहें।
  • दिवंगत पितरों की तस्वीरों को साफ और पवित्र स्थान पर रखें।
  • बच्चों से ठीक से व्यवहार करें।
  • घर से किसी भी व्यक्ति को भूखा न जाने दें।
  • घर के बुजुर्गों का अपमान न करें।
  • किसी को अपशब्द या कपड़े वचन न बोलें।
  • पूर्वजों की संपत्ति का अनादर न करें।
  • गंदगी, आलस्य और अव्यवस्था से दूरी बनाएं।

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पितृ ऋण से छुटकारा पाने के उपाय

  • श्रीमद्भागवत, गरुड़ पुराण या रामचरितमानस का पाठ करें।
  • जल कल्याण कार्य करें।
  • वृक्षारोपण या जल का दान करें।
  • अमावस्या के दिन मंदिर में चीनी, दूध, सफेद रंग के कपड़े और धन का दान करें।
  • 108 दिन पीपल के पेड़ की नियमित परिक्रमा करें।
  • श्राद्ध पक्ष में 15 दिन तक श्राद्ध करें।
  • ग्रहण और श्राद्ध पक्ष में दान करें।
  • घर के किसी व्यक्ति की अकाल मृत्यु हो जाए तो पिंडदान कराएं।
  • साल में 2 बार नवरात्रि के दौरान घर में दुर्गा सप्तशती का पाठ कराएं।
  • घर में पितृ दोष निवारण यंत्र की स्थापना करें।

यदि आप पितृ ऋण से बचने के अन्य उपायों के बारे में जानना चाहते हैं तो इसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देखें।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।


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