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Gudi Padwa 2024: आज है गुड़ी पड़वा, जानें शुभ तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि

Gudi Padwa 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार, प्रत्येक साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गुड़ी पड़वा का पर्व मनाया जाता है। बता दें कि जो लोग विधि-विधान से गुड़ी पड़वा का पर्व मनाते हैं उनकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।

Edited By : Raghvendra Tiwari | Updated: Apr 9, 2024 08:31
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Gudi Padwa 2024

Gudi Padwa 2024:  वैदिक पंचांग के अनुसार, प्रत्येक साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हिंदू नव वर्ष की शुरुआत हो जाती है। बता दें कि महाराष्ट्र में हिंदू नववर्ष को नव -संवत्सर भी कहा जाता है। साथ ही इसे गुड़ी पड़वा के रूप में भी मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुड़ी पड़वा भारत के दक्षिण राज्यों में उगादी के नाम से जाना जाता है।

बता दें कि गुड़ी पड़वा दो शब्द से मिलकर बना हुआ है। गुड़ी का अर्थ होता है विजय का पताका और पड़वा का अर्थ होता है प्रतिपदा तिथि। यानी चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानी गुड़ी पड़वा के दिन लोग अपने घरों में विजय का पताका के रुप में गुड़ी सजाते हैं। साथ ही साथ उत्साह भी मनाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुड़ी पड़वा मनाने से घर में सुख-शांति के साथ समृद्धि आती है। साथ ही घर से नकारात्मक ऊर्जाएं खत्म हो जाती हैं। तो आज इस खबर में जानेंगे कि गुड़ी पड़वा के त्योहार की शुभ तिथि क्या है और गुड़ी पड़वा मनाने की पूजा विधि क्या है।

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गुड़ी पड़वा की शुभ तिथि

वैदिक पंचांग के अनुसार, गुड़ी पड़वा चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है। आज चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 8 अप्रैल को रात 11 बजकर 50 मिनट से शुरू हो गया है। साथ ही इसका समापन 9 अप्रैल 2024 रात 8 बजकर 30 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, प्रतिपदा की तिथि आज यानी 9 अप्रैल दिन मंगलवार को है।

क्या है गुड़ी पड़वा की पूजा विधि

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुड़ी पड़वा का त्योहार 9 अप्रैल 2024 दिन मंगलवार यानी आज है। गुड़ी पड़वा के दिन प्रातकाल उठकर स्नान करना चाहिए। उसके बाद विजय के प्रतीक के रूप में घर में सुंदर-सुंदर गुड़ी लाना चाहिए। उसके बाद उन गुड़ी का पूजन करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से घर की सारी नकारात्मक ऊर्जाएं दूर हो जाती हैं। साथ ही घर में खुशहाली बनी रहती हैं। आर्थिक तंगी से मुक्ति मिलती है। बता दें कि यह पर्व मुख्य रूप से कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुड़ी पड़वा का दिन स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। साथ ही इस दिन श्री खंड, पूरनपोली और खीर आदि बनाए जाते हैं।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

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Written By

Raghvendra Tiwari

First published on: Apr 09, 2024 08:30 AM

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