Ganesh Chaturthi 2024: भगवान गणेश को समर्पित गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है। इस साल यह त्योहार 7 सितंबर से 17 सितंबर तक मनाया जा रहा है। यह एक 10 दिवसीय त्योहार है, जिसके दौरान घरों और सार्वजनिक स्थानों पर गणेश जी की मूर्ति स्थापित की जाती है। भक्त और साधक पूरे 10 दिनों तक गणेश जी की पूजा-अर्चना करते हैं। अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणपति की प्रतिमाओं का पूरे विधि-विधान से विसर्जन किया जाता है, जो कि मंगलवार 17 सितंबर को है। आइए जानते हैं, गणपति विसर्जन में कौन-सी गलतियां नहीं करनी चाहिए और बप्पा की विदाई का शुभ तरीका क्या है?
गणपति विसर्जन में न करें ये गलतियां
परंपरा और रिवाज के मुताबिक 10 दिनों तक पूजा-अर्चना करने के बाद गणपति बप्पा का विसर्जन किया जाता है। हालांकि अपनी सामर्थ्य और मनोकामनाओं के अनुसार कुछ लोग 10 दिन पहले भी बप्पा को विसर्जित कर देते हैं। आइए जानते हैं, गणपति विसर्जन के दौरान न कौन-सी गलतियां नहीं करनी चाहिए?
ये भी पढ़ें: Temples of India: जिंदा लड़की की समाधि पर बना है वाराणसी का यह मंदिर, दिल दहला देने वाला है इतिहास!
गणपति बप्पा की मूर्ति जोर से न फेंके: विसर्जन के समय गणपति बप्पा की मूर्ति को धीरे से पानी में विसर्जित करें। मान्यता है कि जोर से फेंकने या झटके से बप्पा का विसर्जन करना उनका अपमान होता है।
काले रंग के कपड़े न पहनें: विसर्जन के दिन काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। हिंदू संस्कृति में इस रंग के कपड़े को शुभ कार्य के दिन पहनना अशुभ होता है।
नारियल न फोड़ें: मान्यता है कि गणपति बप्पा को विसर्जित करते समय उनको चढ़ाया हुआ नारियल फोड़ना नहीं चाहिए। कहा जाता है सबसे पहले नारियल और कलश विसर्जित करना चाहिए।
विसर्जन के बाद घर में पानी न लाएं: मान्यता है गणपति का जिस जल स्रोत में विसर्जन किया जाता है, विसर्जन के बाद उसका पानी के बाद घर में नहीं लाना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है।
विसर्जन के बाद घर में झाड़ू न लगाएं: यह भी मान्यता है कि विसर्जन के बाद घर में झाड़ू नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करने से बप्पा के जाने का दुःख बढ़ जाता है।
गणपति विसर्जन का सही तरीका
- मान्यता है कि जिस दिन भी गणपति जी का विसर्जन करें, दोपहर के बाद करें।
- विसर्जन से पहले गणपति बप्पा की पूरी-श्रद्धा और भक्ति भाव से पूजा-अर्चना कर आरती करें और प्रसाद बांटें।
- विसर्जन के दौरान गणपति जी का जयकारा जैसे ‘गणपति बप्पा मोरया’ लगाएं, उनकी विदाई के भक्ति गीत गाएं।
- जब गणपति बप्पा की मूर्ति को जल में विसर्जित करें तो धीरे से पानी में विसर्जन करें।
- विसर्जन के दौरान गणपति बप्पा से अगले साल जल्दी आने की कामना या निवेदन करें।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।