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Diwali 2024: अभी समय है… कहीं छूट न जाए कुछ! चेक कर लें श्रीलक्ष्मी-गणेश पूजा की सामग्री की कंप्लीट लिस्ट

Diwali 2024 Puja Samagri: दिवाली के पावन पर्व पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व है। धन-धान्य और सुख-शांति के लिए की जाने वाली इस पूजा में सभी आवश्यक पूजन सामग्री की जांच कर लें, ताकि कुछ छूट रहा हो, तो उसे समय रहते पूरा किया जा सके।

Edited By : Shyam Nandan | Updated: Oct 31, 2024 10:28
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Diwali 2024 Puja Samagri: दिवाली के दिन मां लक्ष्मी और भगवान श्री गणेश की पूजा का विशेष महत्व है। इस साल दिवाली 31 अक्टूबर, 2024 को यानी आज मनाई जा रही है। इस शुभ मौके पर सभी हिन्दू घरों में श्री लक्ष्मी-गणेश पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने से घर में धन और समृद्धि आती है, घर में सुख-शांति बनी रहती है और सभी प्रकार के विघ्न दूर होते हैं। इस पूजा में अभी समय है, इसलिए पूजा से पहले एक बार दीवाली पूजन सामग्री की कंप्लीट लिस्ट चेक कर लें, ताकि कुछ छूट रहा हो, तो उसे समय रहते पूरा किया जा सके।

दीवाली पर श्रीलक्ष्मी-गणेश पूजा सामग्री

  • श्रीलक्ष्मी-गणेश की मूर्ति या फोटो, कलश, नारियल, लाल कपडा, मां लक्ष्मी के लिए लाल वस्त्र, भगवान गणेश के लिए पीले वस्त्र (एक ही रंग के वस्त्र भी अर्पित किए जा सकते हैं) और अन्य देवी-देवताओं के फोटो, जैसे सरस्वती माता, कुबेर देवता, राम दरबार
  • सुपारी (5), पान के पत्ते (5), अक्षत, धूप, दीप (1, 5, 7, 11 या 21), गाय का घी, रोली, मौली, चंदन, सिंदूर, कुमकुम, सरसों का तेल, कपूर
  • इलायची, जनेऊ, इत्र, कमल का फूल, गुलाब का फूल, दूर्वा (दूब घास), खड़ी हल्दी, 5 प्रकार के फल, कमल गट्टा, कौड़ी, मखाना और फूलों की माला
  • चांदी का सिक्का, श्रीयंत्र, घंटी, नैवेद्य, घर में निर्मित भोग, शंख, सीताफल, बेर, सिंघाड़ा, गन्ना, गाय का गोबर और पंचामृत के लिए दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल

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दिवाली पर ऐसे करें श्रीलक्ष्मी-गणेश पूजा

  • घर में जहां श्रीलक्ष्मी-गणेश पूजन करना वहां अच्छे से साफ-सफाई के बाद एक छोटी चौकी पर लाल या पीला वस्त्र बिछाएं।
  • इसके बाद पूर्व या पश्चिम दिशा की ओर मुख करते हुए लक्ष्मी-गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें। मूर्ति ऐसे रखें कि मां लक्ष्मी, भगवान गणेशज की दाहिनी ओर रहें।
  • चौकी के बाईं ओर जलपात्र, घंटी, धूप, तेल का दीपक रखें और दाईं ओर घी का दीपक और जल से भरा शंख रखें।
  • लक्ष्मी-गणेशजी की प्रतिमा के समक्ष चंदन, रोली, फूल,अक्षत और नैवेद्य अर्पित करें।
  • मां लक्ष्मी जी के पास चावलों के ऊपर कलश रखें और लाल वस्त्र में नारियल बांधकर कलश पर स्थापित करें। एक घी और एक तेल का बड़ा दीपक जलाएं।
  • मां लक्ष्मी और गणेश जी को वस्त्र अर्पित करें।
  • भगवान गणेश की ओर 16 चावल की छोटी-छोटी ढेरियां बनाएं। ये सोलह मातृका की प्रतीक हैं।
  • इसके बाद मूर्तियों पर गंगाजल छिड़कें। मां लक्ष्मी और गणेशजी के समक्ष दीप जलाएं। उन्हें फल, फूल, चंदन, अक्षत और चावल अर्पित करें।
  • मां लक्ष्मी को विशेष रूप से कमल का फूल, कमल गट्टा, कौड़ी और मखाना अर्पित करें
  • अनामिका उंगली से इत्र, चंदन, कुमकुम, अबीर, गुलाल, हल्दी और मेंहदी लगाएं। फिर भोग सामग्री अर्पित करें।
  • गणेश-लक्ष्मी के मंत्र, पाठ और स्तोत्र का पाठ करें। फिर गणेशजी की आरती उतारें। मां लक्ष्मी की आरती उतारें।
  • पूजा समाप्त होने के बाद क्षमायाचना मांगे। इसके बाद परिवार के सदस्यों, मित्रों और पड़ोसियों में प्रसाद वितरण करें।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Edited By

Shyam Nandan

First published on: Oct 31, 2024 10:28 AM

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