---विज्ञापन---

Diwali 2024: दिवाली कब है…31 अक्टूबर या 1 नवंबर? जानें देश के 4 प्रसिद्ध विद्वानों और पंडितों की राय

Diwali 2024: दीपावली का त्योहार नजदीक आ चुका है, लेकिन दिवाली कब है, 31 अक्टूबर को या 1 नवंबर... इसे लेकर कन्फ्यूजन समाप्त ही नहीं हो रहा है। आइए जानते हैं, देश के प्रसिद्ध विद्वान महंत राजू दास जी, पंडित राजकुमार शास्त्री, स्वामी अवधेश पूरी महाराज और आचार्य विनय झा का इस मुद्दे पर क्या मानना है?

Edited By : Shyam Nandan | Updated: Oct 26, 2024 18:41
Share :
diwali-2024-confusion

Diwali 2024: दीपावली का त्योहार बेहद नजदीक है, लेकिन दिवाली 31 अक्टूबर को है या 1 नवंबर को, इसे लेकर संशय अभी भी बरकरार है। इस मुद्दे पर आम जनता कन्फ्यूज है कि किस तारीख को दिवाली मनाने से मां लक्ष्मी उन पर प्रसन्न होंगी। पंचांग और व्रत से संबंधित ग्रंथों के अनुसार, दिवाली कार्तिक अमावस्या को मनाई जाती है और इस बार यह तिथि 1 अक्टूबर और 1 नवंबर दोनों तिथियों को पड़ रही है। आइए जानते हैं कि इस मुद्दे पर विद्वानों और पंडितों की राय क्या है और शास्त्रीय विधान क्या है?

कब से कब तक है अमावस्या तिथि?

दिवाली की तिथि को लेकर विवाद का मुख्य कारण है अमावस्या तिथि का दो दिनों तक रहना। बता दें कि इस साल कार्तिक अमावस्या तिथि गुरुवार 31 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 52 मिनट पर शुरू होगी, जो अगले दिन शुक्रवार 1 नवंबर को शाम 6 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगी। इस प्रकार दोनों तारीखों में अमावस्या तिथि होने से लोग असमंजस में हैं कि दिवाली कब मनाएं?

---विज्ञापन---

ये भी पढ़ें: Temples of India: इस मंदिर में पत्नी के साथ विराजमान हैं भगवान हनुमान, गृहस्थ रूप में होती है पूजा!

क्या है विद्वानों और पंडितों की राय?

अयोध्या और हनुमानगढ़ी में कब है दिवाली?

दिवाली कब है…31 अक्टूबर या 1 नवंबर, इस सवाल पर अयोध्या स्थित हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास जी का कहना है कि दिवाली का कब मनाना है, इसके लिए उदया तिथि के साथ चलने से लाभ नहीं है। प्रदोष मुहूर्त और निशिता काल इसके लिए विशेष महत्वपूर्ण है, इसलिए हनुमानगढ़ी में प्रदोष मुहूर्त और निशिता काल के मुताबिक 31 अक्टूबर को दिवाली मनाई जाएगी।

---विज्ञापन---

क्या मानते हैं स्वामी अवधेश पूरी महाराज?

दिवाली कब है… इस मुद्दे पर महानिर्वाणी अखाड़े के महंत स्वस्तिक पीठ के आचार्य स्वामी अवधेश पुरी महाराज का कहना है कि दीपावली यानी दीपों की शृंखला का तात्पर्य है कि यह प्रकाश का पर्व है यानी इस दिन प्रकाश की आराधना और साधना की जाती है, जो रात में ही जलाई जाती है। दिन में दीये कोई नहीं जलाता है। उनका तर्क है कि 31 तारीख को पूरी रात अमावस्या तिथि रहेगी, इसलिए 31 को ही दिवाली मनानी चाहिए।

ज्योतिषाचार्य पं. राजकुमार शास्त्री के विचार

प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित राजकुमार शास्त्री के अनुसार, निशिता काल और उदया तिथि के साथ-साथ दिवाली पूजन के लिए प्रदोष काल का ध्यान रखना उतना ही महत्वपूर्ण है। संयोग से प्रदोष काल का समय 31 अक्टूबर और 1 नवंबर दोनों तारीखों में अमावस्या तिथि को स्पर्श कर रही है। लेकिन उनके मुताबिक 31 अक्टूबर का दिन दिवाली मनाना और लक्ष्मी पूजन श्रेष्ठ और श्रेयस्कर है।

पंचांग स्पेशलिस्ट आचार्य विनय झा का मत

पंचांग गणितज्ञ और स्पेशलिस्ट आचार्य विनय झा का मत है किसी भी व्रत या पर्व लिए पंचांग में गणितीय गणना के कारण मतभेद हो रहा है। वे दिवाली के लिए भू-केन्द्रीय और भू-पृष्ठीय गणना के बीच भू-केन्द्रीय गणितीय गणना को महत्व देते हैं और 1 नवंबर को दिवाली मनाए जाने को गलत मानते हैं।

क्या है दिवाली का शास्त्रीय विधान?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दिवाली और पूजा का शुभ मुहूर्त निकालने के लिए दो बातें बेहद महत्व रखती हैं, ये हैं: निशिता काल और उदया तिथि। निशिता का वो प्रहर या समय होता है, जो मध्य रात्रि को पड़ता है। लक्ष्मी पूजा, काली पूजा, महाशिवरात्रि पर शिव-पार्वती विवाह, जन्माष्टमी आदि के लिए मध्य रात्रि का निशिता काल शुभ माना जाता है। वहीं व्रतों और पर्वों के लिए उदया काल तिथि का बेहद महत्व है। उदया काल तिथि उसे कहते हैं, जो सूर्योदय के साथ शुरू होती है।

इस बार दिवाली पर लक्ष्मी पूजन के लिए निशिता काल 31 अक्टूबर को है और वहीं उदया काल में अमावस्या तिथि की शुरुआत 1 नवंबर को हो रही है। यही कारण है कि इस साल दिवाली कब है का कन्फ्यूजन दूर नहीं हो पाया है कि इसे कब मनाएं? लेकिन दिवाली पूजन के लिए तिथि का प्रदोष काल और मध्य रात्रि के बीच का समय सर्वश्रेष्ठ माना गया है और यह संयोग केवल 31 अक्टूबर की शाम में बन रहा है। इसलिए अधिकांश विद्वान 31 अक्टूबर को दिवाली मनाने के पक्ष में हैं।

ये भी पढ़ें: Chhath Puja 2024: इन 9 चीजों के बिना अधूरी रहती है छठ पूजा, 5वां आइटम है बेहद महत्वपूर्ण!

ये भी पढ़ें: Hast Rekha: हथेली का यह खास निशान देता है अपार धन, नहीं होती है लव मैरिज में कोई परेशानी!

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

HISTORY

Written By

Shyam Nandan

First published on: Oct 26, 2024 06:41 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें