घर की सजावट में आईना एक अहम भूमिका निभाता है। यह न सिर्फ घर को सुंदर बनाता है, बल्कि कमरे को बड़ा और रोशन भी दिखाता है। लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार, आईना गलत दिशा या स्थान पर लगाया जाए तो यह सौंदर्य नहीं, बल्कि दुर्भाग्य की परछाईं बन सकता है। अगर आपके घर में भी आईना गलत जगह पर लगा है, तो यह समय है उसे सुधारने का। आइए जानते हैं शीशे से जुड़ी कुछ जरूरी वास्तु टिप्स।
प्राकृतिक प्रकाश वाली जगह पर लगाएं आईना
वास्तु के अनुसार, शीशा हमेशा ऐसी जगह लगाना चाहिए जहां प्राकृतिक रोशनी अच्छी मात्रा में आती हो। जैसे खिड़की के पास या ऐसे कमरे में जहां सूरज की किरणें आती हों। अंधेरी और बंद जगहों पर रखा आईना नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है, जिससे घर का माहौल भारी और अशांत हो सकता है।
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बेडरूम में बेड के सामने आईना न लगाएं
सोने वाले कमरे में शीशा लगाने से पहले विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। अगर शीशा बेड के ठीक सामने है, तो यह मानसिक अशांति, तनाव और वैवाहिक जीवन में कलह का कारण बन सकता है। वास्तु विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे रात को सोते समय ऊर्जा का संतुलन बिगड़ता है, जो नींद और स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डालता है।
टूटा हुआ या दरार वाला आईना तुरंत हटाएं
घर में अगर कोई शीशा टूट गया है या उसमें दरार आ गई है, तो उसे तुरंत हटा देना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार, टूटा हुआ शीशा दुर्भाग्य, आर्थिक हानि और मानसिक तनाव का प्रतीक होता है। ऐसे आईने न केवल अशुभ ऊर्जा फैलाते हैं, बल्कि घर के विकास में भी रुकावट बनते हैं।
मुख्य दरवाजे या खिड़कियों पर पारदर्शी कांच से बचें
अगर आपके घर के मुख्य दरवाजे या खिड़कियों पर कांच लगाया गया है, तो यह ध्यान रखें कि वह पारदर्शी न हो। पारदर्शी कांच से घर की सकारात्मक ऊर्जा बाहर चली जाती है। इसकी जगह धुंधला या अपारदर्शी कांच का इस्तेमाल करें, जिससे गोपनीयता भी बनी रहे और ऊर्जा का संतुलन भी।
आईने की दिशा का रखें ध्यान
वास्तु के अनुसार, उत्तर या पूर्व दिशा में शीशा लगाना शुभ माना जाता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और समृद्धि का द्वार खुलता है। वहीं दक्षिण दिशा में शीशा लगाना अशुभ होता है क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को खींचता है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।