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Health Tips: जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारी आंखें कमजोर होती जाती है।लंबे समय तक स्क्रीन पर समय बिताना, खराब डाइट लेना और तनाव आंखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप सूखी आँखें, मोतियाबिंद और यहाँ तक कि दृष्टि हानि जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

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नेशनल एकेडमीज़ प्रेस यू.एस. द्वारा 1988 में प्रकाशित एक पुस्तक,आईज़ ऑफ़ द वर्कप्लेस के अनुसार आंखों विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया है कि 60 साल के लोगों की रेटिना को आम तौर पर 20 साल के लोग के रेटिना की तुलना में एक तिहाई प्रकाश प्राप्त होता है।

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स्क्रीन टाइम का ध्यान रखें- ज्यादातर लोग लैपटॉप पर अपना समय बिताते हैं। इसके लिए आप 20-20-20 नियम को अपना सकते हैं। हर 20 मिनट में, 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर किसी चीज को देखें। ये आंखों की मांसपेशियों को आराम देता है, तनाव को कम करता है।

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सही डाइट लें- आंखों को हेल्दी रखने के लिए सही डाइट लेना बहुत जरूरी होता है। इसके लिए आप अपनी डाइट में पालक और मेथी जैसी हरी पत्तेदार सब्जियाँ, बीटा-कैरोटीन के लिए गाजर और विटामिन सी के लिए आंवला को शामिल कर सकते हैं। अलसी और अखरोट में पाए जाने वाले ओमेगा-3 फैटी एसिड आंखों के लिए अच्छा माना जाता है।

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आंखों को UV किरणों से बचाएं- सूरज की रोशनी बहुत तेज होती है, खास तौर पर गर्मियों के मौसम में। यूवी किरणें मोतियाबिंद और आंखों से जुड़ी दूसरी बीमारियों के लिए मुख्य कारण हैं। इसलिए इससे आंखो को बचाना जरूरी हो जाता है।

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ड्रॉप का इस्तेमाल कम करें- अगर आंखों के लिए ड्रॉप का इस्तेमाल कर करें। इसका ज्यादा इस्तेमाल आंखों को खराब कर सकता है। सुखी आंखों से बचने के लिए हाइड्रेट रहे और ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं।

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नियमित रूप से आंखों की जांच कराएं- 40 से ज़्यादा उम्र वालों के लिए, ग्लूकोमा या डायबिटिक रेटिनोपैथी जैसी समस्याएं होती है। ऐसे में उनके लिए नियमित आंखों की जांच कराना जरूरी हो जाता है। डायबिटिज और बीपी से परेशान हैं, तो आंखों की जांच जरूर कराएं।