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Opinion

ये स्टार्टअप कल्चर की आलोचना नहीं, आगे जाने का मार्गदर्शन है

स्टार्टअप महाकुंभ 2025 में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के बयान पर चर्चा करते हुए CA तृप्ति सिंघल सोमानी ने बताया कि उनका उद्देश्य भारत के स्टार्टअप्स को डीप टेक इनोवेशन की दिशा में मार्गदर्शन देना है। केंद्रीय मंत्री का दृष्टिकोण स्थिर, हाई क्वालिटी वाली नौकरियों और लॉन्ग टर्म विकास पर केंद्रित है। यह आलोचना नहीं, बल्कि आगे बढ़ने का एक रास्ता है।

Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Apr 9, 2025 16:26

तृप्ति सिंघल सोमानी

(इन्वेस्टर, एंटरप्रेन्योर, स्ट्रैटेजिस्ट)

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दिल्ली में आयोजित ‘स्टार्टअप महाकुंभ 2025’ में केंद्रीय मंत्री के एक बयान को लेकर बवाल मचा हुआ है। गोयल ने कहा कि भारत के स्टार्टअप्स आज के दौर में क्या कर रहे हैं? हमारा ध्यान फूड डिलीवरी ऐप्स की तरफ अधिक है, हम बेरोजगार नौजवानों को सस्ते लेबर में बदल रहे हैं ताकि अमीर लोगों को बिना घर से बाहर निकले खाना मिल सके। इसे लेकर गोयल की आलोचना हो रही है। विपक्ष से लेकर इंडस्ट्री के कुछ दिग्गज भी केंद्रीय मंत्री की इस सोच से इत्तेफाक नहीं रखते।

हालांकि, मुझे लगता है कि इस मामले में भी हममें से अधिकांश लोग गहराई से कुछ समझे बिना, सीधे कंक्लुजन पर पहुंच गए हैं।

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चीन से अलग भारत का स्टार्टअप प्लान

पीयूष गोयल ने किसी स्टार्टअप की आलोचना नहीं की है, उन्होंने केवल एक अंतर को रेखांकित किया है, जो भारत और चीन के स्टार्टअप में फर्क को बयां करता है। उन्होंने एक तरह हमारे फर्स्ट जेनरेशन एंट्रप्रेन्योर्स को मोटिवेट करने का प्रयास किया है। इसमें कोई दोराय नहीं है कि स्विगी और जौमेटो ने रोजगार तो पैदा किया है, लेकिन यह भी सही है कि ये बिल्कुल न्यूनतम लेवल का है। यदि हम सबसे बेहतर बनने की आकांक्षा रखते हैं, तो हमें आउट ऑफ द बॉक्स सोच विकसित करनी होगी और बड़े विजन से काम करना होगा।

स्टार्टअप इकोसिस्टम को डीप टेक इनोवेशन

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को डीप टेक इनोवेशन की तरफ ले जाना चाहते हैं। स्टार्टअप महाकुंभ में 40,000 से अधिक लोगों की मौजूदगी में उन्होंने कन्वीनियंस ड्रिवन बिजनेस से हटकर अधिक सब्सटेंशियल, इनोवेटिव वेंचर्स पर ध्यान केन्द्रित करने की आवश्यकता पर बल दिया। इसे भी समझने की जरूरत है। गोयल का डीप टेक पर जोर, विशेष रूप से वाइट कॉलर पेशेवरों के लिए दीर्घकालिक, स्थिर नौकरियां सृजित करने की इच्छा से प्रेरित है। एआई, साइबर सुरक्षा और जैव प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करके भारत खुद को वैश्विक नवाचार केंद्र के रूप में स्थापित कर सकता है।

स्टार्टअप महाकुंभ डीप टेक के लिए खास मंच

सरकार ने स्टार्टअप को सपोर्ट करने के लिए कई कदम उठाए हैं और यह काम लगातार जारी है। स्टार्टअप महाकुंभ के तौर पर उसने डीप टेक सहित विभिन्न क्षेत्रों में अभूतपूर्व नवाचारों को प्रदर्शित करने वाला एक मंच प्रदान किया है। इंडिया फिनटेक फाउंडेशन, भारत में एक सस्टेनेबल, इनोवेटिव और सेल्फ-रेगुलेटेड ईकोसिस्टम को बढ़ावा देने वाली एक पहल है। इसलिए इस सोच पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है पीयूष गोयल ने जो कुछ भी कहा है उसके यथार्थ को समझना जरूरी है।

केंद्रीय मंत्री ने दिया इनोवेशन पर जोर

गोयल जिस डीप टेक इनोवेशन पर जोर दे रहे हैं, उसके भारत के लिए कई लाभ हैं। मसलन, डीप टेक को प्राथमिकता देकर भारत दीर्घकालिक स्थिरता के साथ उच्च गुणवत्ता वाली नौकरियां सृजित कर सकता है. घरेलू और विदेशी निवेश आकर्षित कर सकता है। नवाचार और प्रौद्योगिकी-संचालित विकास में वैश्विक लीडर के रूप में खुद को स्थापित कर सकता है। इसके साथ ही विदेशी पूंजी पर निर्भरता कम करके और घरेलू उद्यमशीलता को बढ़ावा दे सकता है। भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए पीयूष गोयल का दृष्टिकोण डीप टेक इनोवेशन पर केंद्रित है। इस दृष्टिकोण का समर्थन करके, हम भारतीय उद्यमियों और पेशेवरों के लिए अधिक टिकाऊ और नवीन भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।

गोयल केवल यही चाहते हैं कि भारत के लोगों को अधिक स्थिर और अच्छी नौकरियां मिलें। उनके मर्म को समझे बिना, आलोचना करना एक तरह से देश के युवाओं को बड़े सपने देखने से रोकने के समान है।

(ये लेखक के निजी विचार है)

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HISTORY

Edited By

Namrata Mohanty

First published on: Apr 09, 2025 08:09 AM

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