Husband Wife Relationship: एक समय था जब पति-पत्नी के रिश्ते को बहुत ही पवित्र और मजबूत माना जाता था। पत्नीव्रता पति और पतिव्रता पत्नियां अपने रिश्ते को पाक-साफ रखते थे। कहा जाता था कि लड़की की डोली उसके मायके से उठती है और अर्थी ससुराल से उठती, लेकिन आज पति-पत्नी के रिश्ते बेहद कमजोर पड़ गए हैं, क्योंकि पति-पत्नी के बीच अब ‘वो’ की एंट्री होने लगी है और यह एंट्री क्राइम को बढ़ावा दे रही है, क्योंकि 2 के बीच तीसरा रिश्ते को खराब ही कराता है। भारतीय समाज में ‘वो’ के कारण जिंदगी दांव पर लगने लगी है। रिश्तों का, इंसानियत का, इंसानों का कत्ल होने लगा है।
मेरठ का सौरभ राजपूत केस देख लो, जहां मुस्कान रस्तोगी ने शादीशुदा होने के बावजूद प्रेमी साहिल शुक्ला के लिए पति सौरभ राजपूत को मार डाला। बिजनौर की शिवानी का केस देख लो, प्रेमी का साथ पाने के लिए शिवानी ने रात को सोए पति को मौत की नींद सुला दिया। ऐसा नहीं है कि सिर्फ पुरुष ही ‘वो’ के कारण नफरत का शिकार हो रहे हैं, बल्कि महिलाएं भी पति के द्वारा मौत के घाट उतारी जा रही हैं। सूटकेस में पहुंचाई रही हैं। बेंगलुरु की गौरी का केस देख लिजिए, लेकिन आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? यह एक बड़ा सवाल है, जिसका जवाब जानने की ललक शायद सभी में होगी। आइए एक नजर उन कारणों पर डालते हैं, जिस वजह से तार-तार 7 जन्मों का रिश्ता तार-तार हो रहा है। पति-पत्नी के बीच ‘वो’ की एंट्री रिश्तों का कत्ल करा रही है।
1. आपसी तालमेल की कमी
पति-पत्नी में आपसी तालमेल होना बहुत जरूरी है। किसी भी रिश्ते में जब तक तालमेल और सामंजस्य न हो, वह आगे बढ़ ही नहीं सकता। पति हो या पत्नी दोनों को अपने दिल की बात एक दूसरे के साथ शेयर करनी चाहिए। ऐसे में अगर कहीं पर कोई गलत लगे तो उसे प्यार से सुधारा जा सकता है। वरना किसी तीसरे की एंट्री होना तो तय समझो।
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2. सोशल मीडिया
जब से सोशल मीडिया ने पैर पसारे हैं, तब से क्राइम रेट भी बढ़ गया है। मेरठ के सौरभ राजपूत केस की तर्ज पर ही तो बिजनौर की शिवानी ने अपने पति दीपक को मार दिया। सोशल मीडिया के फायदे हैं तो उसके नुकसान भी हैं।
3. छोटी-छोटी बातों पर झगड़ना
जरूरी नहीं कि हर छोटी बात पर रिएक्ट किया जाए, लेकिन आजकल की जनरेशन इस बात को समझती ही नहीं है। एक समय था, जब पति-पत्नी के बीच की बातें चारदीवारी के अंदर तक ही रहती थीं। अब तो एक पल में ही रिश्ता कोर्ट-कचहरी तक पहुंच जाता है। ऐसे में जरूरी है कि हर बात पर गरम होने और झगड़ने की बजाय उस विवाद को प्यार से सुलझाया जाए।
4. भावनाओं का सम्मान न करना
यह जरूरी नहीं कि सिर्फ पत्नी का ही फर्ज है कि वह पति की भावनाओं को समझे और उनका सम्मान करे। पति पर भी यह बात लागू होती है कि वह अपनी धर्म पत्नी की भावनाओं की रिस्पेक्ट करे।
5. पारिवारिक हस्तक्षेप
पति-पत्नी के बीच में किसी तीसरे का हस्तक्षेप करना भी उनके बीच की कलह का कारण बन जाते हैं। जरूरी नहीं कि इस तीसरा को आप अफेयर से ही जोड़ें, इसमें माता-पिता, भाई-बहन और परिवार के अन्य लोगों भी हो सकते हैं। डॉक्टर शशांक शर्मा ने भी इन सभी बातों पर सहमति जताई और कहा कि आज के समय में किसी भी रिश्ते में मजबूती लाने के लिए ऊपर दी गई बातों को फॉलो करना जरूरी है।
(ये मेरे अपने विचार हैं)
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