---विज्ञापन---

Opinion

Hanuman Janmotsav 2025: हनुमान जी से ये सीख लेंगे तो कॉर्पोरेट वर्ल्ड के सक्सेसफुल मैनेजर बन जाएंगे!

हनुमान जी का पूरा जीवन एक मैनेजमेंट केस स्टडी है और इसको अमल करके आप भी अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि कैसे हनुमान जी हमें सफलता पाने की प्रेरणा देते हैं।

Author Reported By : Abhishek Mehrotra Edited By : Namrata Mohanty Updated: Apr 12, 2025 11:28

Hanuman Janmotsav 2025: आज हनुमान जन्म उत्सव है। बजरंग बलि, पवनपुत्र सहित कुल 108 नामों से पहचाने जाने वाले हनुमान जी न केवल आस्था के प्रतीक हैं, बल्कि कई सीख भी देते हैं। बजरंग बलि का पूरा जीवन एक मैनेजमेंट केस स्टडी है और उसका हर पन्ना अनमोल नसीहतों से भरा हुआ है। आज की कॉर्पोरेट लाइफ में हनुमान जी कितने रेलिवेंट हैं? ये आप कुछ बातों पर गौर करके जान सकते हैं। बुद्धि और बल का प्रयोग कब कैसे करना चाहिए, इसका अच्छा खासा उदाहरण बजरंगबलि देते हैं। आइए इनसे सीख लेने के साथ कॉर्पोरेट वर्ल्ड के सक्सेसफुल मैनेजर बनाने का तरीका जान लेते हैं।

‘संकट कटे मिटे सब पीरा,जो सुमिरै हनुमत बल बीरा’

हनुमान जी के बारे में तुलसीदास द्वारा लिखित ये बातें दर्शाती हैं कि बजरंग बलि में हर तरह के कष्ट दूर करने की क्षमता है। यही उनके जीवन से मिलने वाली सबसे अनमोल सीख है। यदि आपको सफल होना है, लोगों के बीच अपनी पहचान बनानी है, तो हर काम में निपुण होना होगा। खुद को इस तरह विकसित करना होगा कि लोग हर समस्या के जवाब की तलाश में आपकी ओर खिंचे चले आएं। आज के वक्त में सफल कौन है? वही, जिसकी पूछ-परख ज्यादा है और इस ज्यादा के लिए अनोखी क्षमताएं विकसित करनी होती हैं, अपनी स्किल्स को हर रोज निखारना होता है।

---विज्ञापन---

पॉजिटिव अप्रोच के साथ हो शुरुआत

प्रभु श्रीराम के भक्त के रूप में हनुमान जी ने अनगिनत गंभीर चुनौतियों का सामना किया। राक्षसों के गढ़ में अकेले गए, रावण के पुत्र को परास्त किया, लेकिन इन विकट परिस्थितियों में भी उनके चेहरे की मुस्कान सदैव जीवित रही। उन्होंने बड़े से बड़े और विकट से विकट काम को खेल की तरह पूरा कर दिया। यह उनके जीवन से मिलने वाली दूसरी सबसे बड़ी सीख है। यदि आप किसी बड़े और गंभीर कार्य के दबाव में आ जाएंगे, तो इसकी पूरी संभावना रहेगी कि आप अपनी पूर्ण क्षमता का इस्तेमाल न कर पाएं। दबाव में अक्सर इंसान गलतियां कर बैठता है और जीती हुई बाजी हार जाता है। इसके उलट यदि हर काम को लाइट मूड के साथ पॉजिटिव अप्रोच के साथ किया जाए, तो सफलता की संभावना बढ़ जाती है।

बुद्धि का इस्तेमाल कहां करें?

लंका के सफर के दौरान समुद्र पार करते हुए जब सुरसा ने हनुमान जी का रास्ता रोका, तो बजरंग बलि एक ही झटके में समाप्त कर सकते थे, लेकिन उन्होंने बल के बजाए बुद्धि का प्रयोग किया। बजरंग बलि ने पहले अपना आकार बढ़ाया और फिर छोटा रूप धर लिया। इस तरह वह सुरसा के मुंह में प्रवेश करके वापस बाहर आ गए। हनुमान जी के इस बुद्धि प्रयोग से सुरसा प्रसन्न हो गई और रास्ता छोड़ दिया। यह तीसरी सबसे बड़ी सीख है। हमें यह ज्ञात होना चाहिए कि बल और बुद्धि का इस्तेमाल कहां किया जाना है। कई बार हम बुद्धि की जगह बल प्रयोग कर लेते हैं और बनते-बनते काम बिगड़ जाता है।

---विज्ञापन---

गुण सीखना जरूरी

लंका को श्रीराम के बल का अहसास दिलाकर जब हनुमान वापस लौटे, तो उनकी खूब प्रशंसा हुई, लेकिन उन्होंने इस प्रशंसा को आत्ममुग्धता में नहीं बदलने दिया। उन्होंने खुद अपने पराक्रम का गुणगान नहीं किया और न ही उस अभिमान जताया। उन्होंने अपने बल का पूरा श्रेय प्रभु राम के आशीर्वाद को दिया। आज के समय में हनुमान जी के इस गुण को सीखना नितांत आवश्यक है। अक्सर हम थोड़ी की प्रशंसा से कुप्पे की तरह फूल जाते हैं। तारीफें हमारे सिर पर इस कदर चढ़ जाती है कि फिर हमें अपने आगे कोई और दिखाई नहीं देता। और यही पतन की शुरुआत है। प्रशंसा से खुशी लाजमी है, लेकिन उस खुशी को आत्ममुग्धता में तब्दील होने नहीं दिया जाना चाहिए।

‘ब्रह्मा अस्त्र तेंहि साधा, कपि मन कीन्ह विचार।
जौ न ब्रहासर मानऊं, महिमा मिटाई अपार।।

तुलसीदास जी द्वारा हनुमान जी की मानसिकता का यह सूक्ष्म चित्रण, दर्शाता है जीवन में कितनी भी विकट स्थितियां क्यों न आयें, अपने आदर्शों से समझौता नहीं करना चाहिए। मेघनाथ ने जब हनुमान जी पर ब्रह्मास्त्र प्रयोग किया, तो हनुमान जी इसकी काट निकाल सकते थे। लेकिन उन्होंने ब्रह्मास्त्र के महत्व को कम न करते हुए तीव्र आघात सहना पसंद किया। आजकल सफलता की चाह में अधिकांश लोगों के लिए आदर्श जैसा कुछ नहीं होता, वह अपनी सुविधा के हिसाब से आदर्श को तोड़-मरोड़ लेते हैं। लेकिन जीवन में असली सफलता वही है जो आदर्शों पर चलकर हासिल की जाए, न कि उन्हें समय, काल, परिस्थिति के नाम पर साइडलाइन करने से।

(ये लेखक के निजी विचार हैं)

ये भी पढ़ें- आखिर क्यों शादी से दूर भाग रही है जेनरेशन Z!

ये भी पढ़ें- Relationship: क्यों दरक रहे रिश्ते, आखिर क्या है पति-पत्नी के बीच अलगाव की वजह?

HISTORY

Edited By

Namrata Mohanty

Reported By

Abhishek Mehrotra

First published on: Apr 12, 2025 07:50 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें