पिछले दस वर्षों में योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश में महिलाओं के लिए कई महत्वपूर्ण काम किए हैं. यूपी की सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार को अपनी बड़ी प्राथमिकता बनाया है. साथ ही इस अवधि में सरकार ने कई ऐसी योजनाएं भी शुरू की जिनका सीधा लाभ प्रदेश की करोड़ों महिलाओं को मिला. बात अगर सुरक्षा की करें तो यूपी कि योगी सरकार ने महिला हेल्पलाइन 1090, पिंक पेट्रोलिंग और एंटी रोमियो स्क्वायड यानी ( छात्राओं के साथ छेड़खानी, पीछा करना या किसी भी तरह की बदसलूकी होती है तो उसपर तुरंत कानूनी कार्रवाई की जाएगी ). इन व्यवस्थाओं के कारण स्कूल-कॉलेज जाने वाली लड़कियों और नौकरी करने वाली महिलाओं को अधिक सुरक्षित माहौल मिला है. पुलिस में महिला कर्मचारियों की संख्या भी काफी बढ़ाई गई, जिससे महिलाओं की शिकायतों पर जल्दी कार्रवाई हो सके.
अब अगर बात शिक्षा के क्षेत्र कि करें तो कन्या सुमंगला योजना सभी के लिए बहुत ही मददगार साबित हुई है. इस योजना के तहत लड़कियों को जन्म से लेकर उनकी पढ़ाई पूरी होने तक आर्थिक सहायता दी जाती है. इस योजना के जरिए बहुत-सी लड़कियों को पढ़ाई के क्षेत्र में रुकावट का सामना नहीं करना पड़. सरकारी स्कूलों में लड़कियों के लिए अलग शौचालय बनाए गए और सैनिटरी पैड भी मुफ्त दिए जाने लगे. इससे स्कूल भी बहतर बने.
आर्थिक रूप से महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सरकार ने मिशन शक्ति और महिला स्वयं सहायता समूहों पर विशेष ध्यान दिया गया. इन समूहों के दौरान लाखों महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई, खाद्य प्रसंस्करण और छोटे उद्योगों की ट्रेनिंग मिली. सरकार ने उन्हें बैंक से ऋण दिलवाने और उनके उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने में भी मदद की. ODOP (वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट) योजना में भी महिलाओं की बड़ी भूमिका रही, जिसके कारण गांवों में छोटे उद्योग तेजी से बढ़े.
स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार ने मातृ वंदना योजना, मुफ्त प्रसूति सेवाएं, पोषण अभियान और स्वास्थ्य जांच शिविरों को और मजबूत किया. इन कदमों से गर्भवती महिलाओं और नई माताओं को बेहतर सुविधा मिली और मातृ मृत्यु में कमी आई. कुल मिलाकर, पिछले दस वर्षों में योगी सरकार ने महिलाओं के जीवन को सुरक्षित, सम्मानजनक और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़े और प्रभावी कदम उठाए हैं. इन प्रयासों से उत्तर प्रदेश की महिलाएं आज अधिक जागरूक बनी हैं.










