मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रदेश के लिए एक स्वर्णिम दिन है क्योंकि आइची स्टील कॉर्पोरेशन, जिसे टोयोटा की स्टील शाखा के रूप में जाना जाता है, ने प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए इस समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. उन्होंने कहा कि आइची स्टील की वर्धमान में पहले से ही लगभग 24.9 प्रतिशत हिस्सेदारी है और यह मुख्य तकनीकी साझेदार के रूप में पंजाब के औद्योगिक परिवेश में एक मजबूत तथा विकसित हो रही भारत-जापान साझेदारी का प्रतीक है. भगवंत सिंह मान ने कहा कि जापान की अग्रणी स्टील कंपनी पंजाब में भविष्य की फैक्ट्री संचालन का अध्ययन करेगी, जिसमें लगभग 500 करोड़ रुपये के संभावित निवेश के लिए मूल्यांकन शामिल है.
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में वर्धमान स्पेशल स्टील्स के साथ आइची स्टील की साझेदारी को मजबूत और सुदृढ़ करने के लिए पंजाब सरकार की ओर से पूर्ण सहयोग का भरोसा दिलाया. उन्होंने जोर देकर कहा कि मौजूदा जापानी कंपनियों को प्रदेश में उनके कारोबार और संचालन के विस्तार में सहायता करना पंजाब की प्रमुख प्राथमिकता है. भगवंत सिंह मान ने उम्मीद जताई कि आइची ग्रुप का तकनीकी सहयोग और वर्धमान ग्रुप की विशेषज्ञता प्रदेश में औद्योगिक क्रांति के नए युग की शुरुआत करेगी.
मुख्यमंत्री ने आइची को 13-15 मार्च, 2026 को इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस, मोहाली में होने वाले प्रगतिशील पंजाब निवेशक सम्मेलन 2026 में भाग लेने का न्योता भी दिया ताकि गहन भागीदारी और विस्तारित निवेश को और प्रोत्साहित किया जा सके. भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह सम्मेलन पंजाब के विकास को दर्शाता है, जिसमें अग्रणी औद्योगिक दिग्गजों को एक मंच पर लाकर साझेदारी और सहयोग के नए अवसर प्रस्तुत किए जाएंगे. उन्होंने उम्मीद जताई कि जापानी निवेशक इस सम्मेलन में बड़े पैमाने पर शामिल होंगे, जिससे प्रदेश के औद्योगिक विकास को भारी बल मिलेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार का लक्ष्य हमारे युवाओं के लिए नए अवसर पैदा करना और निवेशकों के लिए एक स्थिर तथा विश्वसनीय माहौल बनाना है. जापानी उद्योग के साथ पंजाब के संबंधों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि ये संबंध पहले से ही मजबूत हैं और जापान की कई बड़ी कंपनियों ने पंजाब में अपना भरोसा जताया है. भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह साझेदारी जापानी निवेशकों का पंजाब में विश्वास और विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साझेदारी को अगले स्तर पर ले जाने के लिए पंजाब सरकार प्रदेश की औद्योगिक क्षमताओं को उजागर कर रही है, सहयोग के नए क्षेत्रों की संभावनाएं तलाश रही है और जापानी उद्योग के साथ लंबे समय की साझेदारी को और गहरा कर रही है. उन्होंने कहा कि पंजाब आज भारत के सबसे अधिक कारोबार-अनुकूल राज्यों में से एक है और भारत सरकार ने व्यापार सुधार कार्य योजना (बी.आर.ए.पी.) 2024 रैंकिंग में पंजाब को अग्रणी के रूप में मान्यता दी है. भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह उपलब्धि प्रदेश सरकार द्वारा कारोबार को सुगम बनाने, पारदर्शिता और जवाबदेही पर ध्यान केंद्रित करने को दर्शाती है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दूरंदेशी सोच है, जो नीति में स्थिरता, समय पर निर्णय लेना और निवेशकों के समय तथा विश्वास का सम्मान करने वाली शासन प्रणाली प्रदान करना है, ताकि पंजाब को वैश्विक स्तर पर उद्योग के लिए पसंदीदा गंतव्य बनाया जा सके. उन्होंने कहा कि पंजाब का दृष्टिकोण साझेदारों और उद्योगों के साथ मिलकर काम करना, उनकी जरूरतों को समझना और सरकार की ओर से विकास को सुनिश्चित करना है. भगवंत सिंह मान ने आगे कहा कि पंजाब ने अपने बुनियादी ढांचे को और मजबूत करते हुए औद्योगिक क्षमता का विस्तार कर चुका है और निवेश के नए रास्ते खोल चुका है.










