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घरेलू हिंसा, लिव इन में मारपीट…बेटियों को कानून के तहत क्या अधिकार मिले जानिए

Womens Rights According To Indian Constitution: गुजरात के अहमदाबाद में एक लड़की से सरेआम मारपीट हुई। लड़की स्पा में काम करती थी। वह अपना काम करके घर जा रही थी कि स्पा मालिक उसे बीच सड़क पीटने लगा। घटना 25 सितंबर की है, जिसका वीडियो बनाकर किसी ने सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वीडियो […]

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Oct 5, 2023 14:12
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Domestic Violence
Domestic Violence

Womens Rights According To Indian Constitution: गुजरात के अहमदाबाद में एक लड़की से सरेआम मारपीट हुई। लड़की स्पा में काम करती थी। वह अपना काम करके घर जा रही थी कि स्पा मालिक उसे बीच सड़क पीटने लगा। घटना 25 सितंबर की है, जिसका वीडियो बनाकर किसी ने सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि व्यक्ति लड़की को थप्पड़ मार रहा है। उसके बालों से पकड़ कर खींच रहा है, हालांकि उसे उसका दोस्त रोकता है, लेकिन वह फिर भी उससे मारपीट कर रहा है।

वीडियो वायरल होते हुए पुलिस तक पहुंचा, जिस पर पुलिस ने सुओ-मोटो(स्वत: संज्ञान) लेकर मामले का पता लगाया। वीडियो में दिख रहे लोगों की पहचान कराई। इसके बाद लड़की काउंसिलिंग करके उसे आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए मनाया। इसके बाद लड़की की शिकायत पर स्पा मालिक मोहसिन के खिलाफ बोडकदेव पुलिस स्टेशन में IPC की धारा 354A,294(b) और 323 के तहत FIR दर्ज कर ली गई।

घर के अंदर और बाहर महिलाओं से होती मारपीट

भारतीय संविधान के अनुसार, महिलाओं को कई प्रकार के अधिकार मिले हुए हैं। घरेलू हिंसा और लिव इन रिलेशन में मारपीट मामले में भी कानून के तहत अधिकार दिए गए हैं, जिनके बारे में हर महिला और लड़की को पता होना चाहिए। हम अपनी स्टोरी में आज घरेलू हिंसा और लिव इन में मारपीट होने पर महिलाओं को मिले अधिकारों के बारे में बता रहे हैं, जानिए…

भारत में हर तीसरे घर में घरेलू हिंसा होती है। लिव इन में रहने वाली ज्यादातर महिलाएं मारपीट का शिकार होती हैं। घर की चारदिवारी के अंदर ही नहीं, बाहर सड़क पर, पब्लिक प्लेस पर भी आदमी महिलाओं से मारपीट करने में शर्म नहीं करते। ससुराल में ही नहीं, मायके में भी महिलाएं मारपीट का शिकार होती हैं। शादी के बाद घरेलू हिंसा झेल रही महिलाओं के लिए साल 2005 में प्रोटेक्शन ऑफ वूमेन फ्रॉम डोमेस्टिक वॉयलेंस (DV) एक्ट बनाया गया है, जो महिलाओं को कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है।

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घरेलू हिंसा कानून के तहत महिलाओं के अधिकार

शारीरिक, मानसिक या आर्थिक प्रताड़ना इस कानून के दायरे में आती है। मारपीट करना, गाली गलौज करना देना, पत्नी को दिया जाने वाला खर्च रोकना, उसकी सैलरी जबरन छीन लेना एक्ट के दायरे में आता है। ऐसे मामले में दोषी पाए जाने पर शख्स को धारा-31 के तहत एक साल की सजा और 20 हजार रुपये जुर्माना लगाया जाता है। अपराध गैर-जमानती होगा। एक्ट की धारा-12 के तहत महिला मारपीट करने वाले पति के खिलाफ केस दर्ज करा सकती है। मजिस्ट्रेट को सीधी शिकायत दे सकती है।

धारा-18 के तहत महिला पार्टनर प्रोटेक्शन ऑर्डर की भी मांग कर सकती है। विशेष बात यह है कि अगर महिला शादीशुदा है तो घरेलू हिंसा अपराध है। वहीं अगर एक ही छत के नीचे किसी भी रिश्ते में उससे मारपीट होती है तो वह भी घरेलू हिंसा के दायरे में ही आएगी और वह पुलिस को शिकायत दे सकती है, लेकिन ऐसी स्थिति में वह मारपीट के लिए जिम्मेदार पुरुष को ही आरोपी बना सकती है। मां, भाई, बहन या भाभी को वह घरेलू हिंसा के लिए जिम्मेदार नहीं ठहरा सकती।

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लिव-इन-रिलेशन में रहते हुए भी की जाती मारपीट

घरेलू हिंसा कानून के तहत लिव-इन-रिलेशन में मारपीट होने पर महिलाओं को सुरक्षा का अधिकार मिला हुआ है। लिव-इन में युवक और युवती बिना शादी किए साथ रहते हैं। एक शादीशुदा और दूसरा तलाकशुदा तो रिश्ते को लिव-इन नहीं माना जाएगा, लेकिन अगर दोनों तलाकशुदा हैं और साथ-साथ रहते हैं तो उसे लिव-इन रिलेशन माना जाएगा। इस रिलेशन में अगर घरेलू हिंसा होती है तो वह घरेलू हिंसा एक्ट के तहत पुलिस को शिकायत देकर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करा सकती है।

एक्ट के तहत महिला को राइट-टू-शेल्टर मिलता है। इसके अधिकार के तहत महिला को तब तक जबरन घर से नहीं निकाला जा सकता, जब तक रिश्ता कायम है, लेकिन अगर दोनों संबंध खत्म कर दें तो एक्ट के तहत महिला को मिला यह अधिकार भी खत्म हो जाता है। वहीं मारपीट होने पर एक्ट की धारा-12 के तहत महिला मारपीट करने वाले पति के खिलाफ केस दर्ज करा सकती है। मजिस्ट्रेट को सीधी शिकायत दे सकती है। मामले में दोषी पाए जाने पर शख्स को धारा-31 के तहत एक साल की सजा और 20 हजार रुपये जुर्माना लगाया जाता है। अपराध गैर-जमानती होगा।

First published on: Sep 29, 2023 07:19 AM

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