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पत्नी को नहीं पसंद था पति का काला रंग, हाईकोर्ट में शुरू हुई जंग, जानें फिर क्या हुआ?

Karnataka High Court: कर्नाटक हाईकोर्ट में तलाक एक अनोखा मामला सामने आया। 41 साल की पत्नी को 44 वर्षीय पति का काला रंग पसंद नहीं था। इसलिए वह ताना मारती थी। सबके सामने बेइज्जत करती थी। पति के चरित्र पर भी सवाल उठा दिए। तंग आकर पति तलाक के लिए फैमिली कोर्ट पहुंच गया। लेकिन […]

Edited By : Bhola Sharma | Updated: Aug 8, 2023 12:02
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प्रतीकात्मक इमेज।

Karnataka High Court: कर्नाटक हाईकोर्ट में तलाक एक अनोखा मामला सामने आया। 41 साल की पत्नी को 44 वर्षीय पति का काला रंग पसंद नहीं था। इसलिए वह ताना मारती थी। सबके सामने बेइज्जत करती थी। पति के चरित्र पर भी सवाल उठा दिए। तंग आकर पति तलाक के लिए फैमिली कोर्ट पहुंच गया। लेकिन फैमिली कोर्ट ने उसकी अर्जी को खारिज कर दिया। आखिरकार पति ने हाईकोर्ट में निचली अदालत के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। कर्नाटक हाईकोर्ट ने पति को तलाक देते हुए कहा कि किसी व्यक्ति का उसकी पत्नी द्वारा सांवली त्वचा का अपमान करना क्रूरता है।

अदालत ने कहा कि रिकॉर्ड पर मौजूद सबूतों से पता चलता है कि पत्नी इस आधार पर पति का अपमान करती थी कि वह काला है और इसी कारण से वह बिना किसी कारण के पति से दूर चली गई है। हाईकोर्ट ने धारा 13(i)(A) के तहत विवाह विच्छेद की याचिका को स्वीकार करते हुए कहा कि महिला ने अपने पति के खिलाफ अवैध संबंधों के झूठे आरोप लगाए हैं। ये तथ्य निश्चित रूप से क्रूरता का कारण बनेंगे।

2007 में हुई थी शादी

बेंगलुरु के इस जोड़े की शादी 2007 में हुई थी। उनकी एक बेटी है। 2012 में पति ने तलाक के लिए बेंगलुरु की एक फैमिली कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

पति और ससुराल वालों पर दर्ज कराया केस

पति की याचिका पर जस्टिस आलोक अराधे और अनंत रामनाथ हेगड़े की खंडपीठ ने फैसला सुनाया। हाई कोर्ट ने कहा कि यह पति का मामला है कि पत्नी उसे यह कहकर अपमानित करती थी कि उसका रंग काला है। उसने आगे कहा है कि पति बच्चे की खातिर अपमान सहता था। उसने अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज कराया और बच्चे के साथ अपने माता-पिता के साथ रहने चली गई।

Karnataka High Court

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महिला ने ससुरालीजनों पर लगाए ये आरोप

महिला ने पारिवारिक अदालत में आरोपों से इनकार किया था और बदले में आरोप लगाया था कि यह पति और उसके परिवार के सदस्य थे जो उसके साथ दुर्व्यवहार कर रहे थे और उसके साथ क्रूरता कर रहे थे। उसने आरोप लगाया कि उन्होंने उससे दहेज की मांग की और उसे उसके बच्चे के साथ बाहर नहीं जाने दिया। उसने यह भी आरोप लगाया कि उसके पति का किसी अन्य महिला के साथ अवैध संबंध है और उससे उसका एक बच्चा भी है।

आरोपों को हाईकोर्ट ने किया खारिज

पारिवारिक अदालत ने 2017 में तलाक के लिए पति की याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उसने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। हाई कोर्ट ने कहा कि पति पर लगाए गए आरोप कि उसका एक महिला के साथ अवैध संबंध है, पूरी तरह से निराधार और निराधार होने के साथ-साथ लापरवाही भरा है।

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First published on: Aug 08, 2023 11:55 AM

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