भारत ने मंगलवार की रात को पहलगाम हमले का बदला ले लिया। इस हमले में 100 से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने की खबर है। इस हमले में भारत ने पाकिस्तान और पीओके के 9 ठिकानों पर हमला कर उन्हें तबाह कर दिया। इसमें से एक था जैश-ए-मोहम्मद का हेडक्वार्टर मस्जिद सुभान अल्लाह। जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर है। जानकारी के अनुसार यहां पर आतंकियों की भर्ती होती थी और उन्हें ट्रेनिंग दी जाती थी। पाकिस्तान की सेना और आईएसआई के बड़े अफसर यहां आते थे।
मैं भी मर जाता तो अच्छा होता- मसूद अजहर
हमले के बाद जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर का बयान सामने आया है। उसने कहा कि सुभान अल्लाह मस्जिद पर हुए हमले में उसके परिवार के 10 सदस्य और 4 करीबी सहयोगी मारे गए हैं। मृतकों में मौलाना मसूद अजहर की बड़ी बहन और उसका पति, मसूद का भतीजा और उसकी पत्नी, एक भतीजी और उसके परविार के 5 बच्चे शामिल हैं। मसूद अजहर ने कहा कि मैं भी मर जाता तो खुशनसीब होता। अजहर ने भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी की आलोचना की। उसने कहा कि अत्याचार ने सभी नियम तोड़ दिए, अब किसी को दया की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। ऐसे में आइये जानते हैं कौन है मौलाना मसूद अजहर?
अजहर कई हमलों का मास्टरमाइंड
मसूद अजहर भारत में कई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड है। अजहर भारत में संसद हमले के अलावा पठानकोट और पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड है। जानकारी के अनुसार 2005 में अयोध्या राम जन्मभूमि और 2019 में पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर उसने ही हमला करवाया था। इसके अलावा मसूद ने 2016 में उरी हमले और अफगानिस्तान में भारतीय कॉन्सुलेट पर अटैक का जिम्मेदार है।
कंधार हाइजैक कांड के बाद हुआ रिहा
मसूद अजहर पहली बार 1994 में ढाका से दिल्ली पहुंचा था। वह फर्जी पहचान पत्र बनाकर श्रीनगर में रहने लगा। इस बीच भारतीय सुरक्षाबलों ने उसको कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के लिए अरेस्ट कर लिया था। इसके बाद जुलाई 1995 उसने जम्मू-कश्मीर में 6 विदेशी पर्यटकों को अगवा कर लिया था। विदेशी टूरिस्ट के बदले मसूद अजहर को छोड़ने की मांग की गई। 24 दिसंबर 1999 को बड़ी घटना घटी। इस दिन काठमांडू से दिल्ली आ रहे विमान को अजहर के भाई समेत दूसरे आतंकियों ने हाईजैक कर लिया। इसे वे अफगानिस्तान के कंधार ले गए। विमान में कैद लोगों के बदले मसूद अजहर समेत 3 आतंकियों को छोड़ने की मांग की गई।
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2019 में घोषित हुआ ग्लोबल टेररिस्ट
इसके बाद भारत सरकार ने दबाव में आकर मसूद अजहर समेत 3 आतंकियों को रिहा कर दिया। इसके बाद वह पाकिस्तान भाग गया। इसके बाद 2019 में यूएनएससी में प्रस्ताव पास कर मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया गया। इससे पहले 2009, 2016 और 2017 में चीन ने अड़ंगा डालकर यूएनएससी ये प्रस्ताव पास नहीं होने दिया था।
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