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महिला ने बीच सड़क मुंडवाया सिर, नौकरी की मांग को लेकर 1000 दिनों से जारी है प्रदर्शन

West Bengal Woman Shaved Head: महिला ने अपने आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर कोलकाता सेंट्रल में बीच सड़क पर अपना सिर मुंडवाया।

Edited By : Pooja Mishra | Updated: Dec 9, 2023 23:27
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West Bengal Woman Shaved Head, कोलकाता: पश्चिम बंगाल में एक महिला अभ्यर्थी ने विरोध करने का एक अनोखा तरीका अपनाया। शनिवार दोपहर को कोलकाता सेंट्रल की सड़क पर जॉब मामले में एक महिला अपना सिर मुंडवा लिया।

महिला ने ये कठोर कदम अपने आंदोलन के 1000 दिन पूरे होने पर उठाया है। पिछले 1000 दिनों से महिला हजारों योग्य अभ्यर्थी के साथ पैसों के बदले स्कूल में नौकरी दिए जाने का विरोध कर रही थी। आज इस आंदोलन को 1000 दिन पूरे हो गए, इस मौके पर कोलकाता सेंट्रल के एस्प्लेनेड क्रॉसिंग पर प्रदर्शनकारी महिला ने सार्वजनिक रूप से अपना सिर मुंडवा लिया।

सिर मुंडवाते वक्त बिलख-बिलखकर रोई महिला 

अपना सिर मुंडवाने वाली महिला की पहचान रासमणि पात्रा के रूप में हुई है। सिर मुंडवाते वक्त रासमणि पात्रा बिलख-बिलखकर रोती दिखाई दे रही हैं। इस दौरान उन्होंने राज्य के सभी राजनीतिक दलों से इस मुद्दे को उठाने का आह्वान किया है।

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हमारे बलिदान आंख खोलेंगे

रासमणि पात्रा ने सिसकते हुए कहा कि ‘मैं सभी से राजनीतिक दायरे से बाहर निकलने और हमारी समस्याओं का समाधान करने की अपील करती हूं। मैं अनुरोध करती हूं कि हमें हमारी नौकरियां दिलवा दीजिए।’ उन्होंने ये भी कहा कि ‘अभी तो उन्होंने अपने बालों का बलिदान दिया है लेकिन आगे चलकर उनके जैसे कई लोगों को अपने जीवन का बलिदान देना पड़ सकता है। शायद हमारे जीवन का बलिदान आंखें खोलने वाला होगा’

कलकत्ता हाई कोर्ट का फैसला 

बता दें कि, कलकत्ता हाई कोर्ट ने शनिवार को एक फैसला सुनाते हुए कहा कि विवाहित महिलाएं भी अपने पैतृक परिवार की सदस्य होने के नाते अनुकंपा के आधार पर राज्य सरकार की नौकरी पाने की हकदार हैं।

क्या है पूरा मामला?

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एसएलएसटी नौकरी के इच्छुक उम्मीदवार प्रदर्शन कर रहे हैं। नौकरी की मांग करने वाले तमाम अभ्यर्थी 15 मार्च 2021 से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। महिला उम्मीदवारों ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री से यह अनुरोध किया है कि उनके जैसे नौकरी करने वालों को नौकरी देनी चाहिए।

उनका दावा है कि 2016 की मैरिट सूची जारी नहीं की गई है, इसे लेकर अभ्यर्थियों ने 2019 मे करीब 29 दिनों तक प्रदर्शन किया था। इसके बाद मुख्यमंत्री भी उनसे मिलने पहुंची थीं और उनकी समस्याओं को जल्द से जल्द निपटारा करने का आश्वासन भी दिया था, बावजूद इसके प्रदर्शन कर रहे किसी भी अभ्यर्थियों की नौकरी नहीं लगी।

इसके बाद 2021 में 187 दिनों तक अभ्यार्थी भूख हड़ताल पर बैठ गए, वहीं अलग -अलग तरीके से अभ्यार्थियों ने करीब 1000 दिनों तक अपना आंदोलन जारी रखा। जब उनके आंदोलन का एक हजार वां दिन पूरा हुआ तब प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थी अपना सिर मुंडवाकर नौकरी की मांग के लिए एक बार फिर भूख हड़ताल पर बैठ गए। उन्होंने चेतावनी दी है कि उनका यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जबतक उनको नौकरी नहीं मिल जाती। वहीं तृणमूल सांसद सौगत राय ने इस प्रदर्शन को ड्रामा बताया है। उन्होंने कहा है कि प्रदर्शन के नाम पर अभ्यर्थियों का नाटक चल रहा है।

इनपुट: अमर देव पासवान

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Written By

Pooja Mishra

First published on: Dec 09, 2023 07:44 PM

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