Western Ghats Eco-Sensitive: वायनाड त्रासदी के बाद केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार ने पश्चिमी घाट के 57 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील घोषित करने के लिए एक मसौदा तैयार किया है। बताया जा रहा है कि पश्चिमी घाट का करीब 36% हिस्सा इसमें शामिल है। इस क्षेत्र में वायनाड के 13 गांव और केरल राज्य का लगभग 10 हजार वर्ग किलोमीटर एरिया को भी शामिल किया गया है।
After Wayanad Tragedy, Centre Moves Draft to Declare 57,000 Sq Km of Western Ghats Eco-Sensitive | Exclusive
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---विज्ञापन---— Avinash K S🇮🇳 (@AvinashKS14) August 2, 2024
तैयार किया गया नोटिफिकेशन
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वायनाड त्रासदी के बाद केंद्र सरकार ने पश्चिमी घाट के लगभग 57 हजार वर्ग किलोमीटर को ‘इकोलॉजिकल सेंसिटिव एरिया’ घोषित करने के लिए एक नोटिफिकेशन तैयार किया है। इसमें वायनाड और केरल राज्य के एरिया के बड़ी संख्या में गांवों को सेंसिटिव एरिया में शामिल करने का प्रस्ताव रखा गया है।
क्या होता है इकोलॉजिकल सेंसिटिव एरिया
यहां बता दें कि इको सेंसिटिव जोन ऐसा एरिया होता है जो राष्ट्रीय पार्कों, वन्यजीव अभ्यारणों के आस-पास के क्षेत्र को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए बनाया जाता है। ऐसे क्षेत्र को संरक्षित किया जाता है और यहां किसी तरह के निर्माणकार्य की अनुमति नहीं होती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार केंद्र सरकार ने 31 जुलाई को केरल और वायनाड के लिए एक इस ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को जारी किया है। जानकारी के अनुसार इस ड्राफ्ट नोटिफिकेशन में आम लोगों को केंद्र के पास इस मामले में अपनी राय देने के लिए 60 दिन का समय दिया गया है।
अंतिम नोटिफिकेशन में राज्यवार होगा ब्यौरा
बता दें अब अंतिम नोटिफिकेशन राज्यवार या संयुक्त आदेश के रूप में प्रकाशित किया जाएगा। बताया जा रहा है इस ड्राफ्ट नोटिफिकेशन में महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, गोवा और गुजरात 6 राज्यों में 56826 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को ‘इकोलॉजिकल सेंसिटिव एरिया’ घोषित करने का प्रस्ताव है। इस नोटिफिकेशन के लागू होने के बादा इन सेंसिटिव क्षेत्रों में कमर्शियल एक्टिविटी पर बैन लगा दिया जाएगा।