Amritpal Singh: ‘वारिस पंजाब दे’ के मुखिया अमृतपाल सिंह खालसा ने एक बार फिर बड़ा बयान दिया है। अमृतपाल सिंह ने खुद को भारतीय नागरिक मानने से इनकार कर दिया है। अमृतपाल ने एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा कि मैं खुद को भारतीय नागरिक नहीं मानता। उसने कहा कि पासपोर्ट केवल एक यात्रा दस्तावेज है, इससे कोई भारतीय नहीं हो जाता।
बता दें कि ‘अजनाला कांड’ के बाद से अमृतपाल सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर आ गया है। उसके नाम से इंस्टाग्राम पर करीब 35 अकाउंट हैं। इनमें ब्लू टिक वाले इंस्टाग्राम अकाउंट को बंद कर दिया गया है। अमृतपाल ने कहा कि पंजाब में खालिस्तान आम बात है। अमृतपाल ने कहा कि अगर कोई पंजाबी नहीं है और वह पंजाब नहीं आता है तो उसे डर लगता है, लेकिन यह वैसा नहीं है। वह इसे मीडिया के चश्मे से देखता है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा कि यह कोई अपराध नहीं है। संगरूर के सांसद भी खालिस्तान जिंदाबाद कहते हैं।
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CM भगवंत मान ने अजनाला कांड पर तोड़ी चुप्पी
बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ‘अजनाला कांड’ पर हुई घटना पर चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने इस संबंध में ट्वीट कर कहा कि गुरु ग्रंथ साहिब शब्द को थाने तक ढाल लेकर ले जाने वालों को किसी भी तरफ से पंजाब और पंजाबियत का ‘वारिस’ नहीं कहा जा सकता।
क्या है अजनाला कांड?
‘वारिस पंजाब दे’ का चीफ 30 साल के अमृतपाल सिंह ने अमृतसर के अजनला थाने में हथियार बंद लोगों के साथ अपने साथी लवप्रीत सिंह ‘तूफान’ की रिहाई के लिए जमकर बवाल काटा था। अमृतपाल सिंह ने पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को भी धमकी दी लेकिन पंजाब सरकार और पुलिस मूकदर्शक बनी रही थी।
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