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कौन हैं वोट चोरी पर घमासान के बीच इस्तीफा देने वाले कांग्रेस के मंत्री राजन्ना? राहुल गांधी पर लगाए थे आरोप

Congress Minister Resign: वोट चोरी पर विवाद के बीच कांग्रेस के मंत्री पद से केएन राजन्ना ने इस्तीफा दे दिया। ऐसे में बतौर मंत्री तो उनकी राजनीतिक पारी खत्म हो गई है, जल्दी ही बतौर विधायक उनकी राजनीतिक पारी भी खत्म हो जाएगी, क्योंकि राजन्ना ऐलान कर चुके हैं कि वे अब कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Khushbu Goyal Updated: Aug 11, 2025 21:14
Vote Chori | Congress | KN Rajanna
विरोधी बयान देने से नाराज हाईकमान की गाज राजन्ना पर गिरी है।

KN Rajanna Profile: कांग्रेस मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले केएन राजन्ना कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के करीबी थे, लेकिन पार्टी हाईकमान के आदेशों का उल्लंघन करने और पार्टी विरोधी बयान देने के कारण उन पर गाज गिर गई। उन्हें कर्नाटक के सहकारिता मंत्री के पद से हटा दिया गया है। राहुल गांधी पर वोट चोरी का आरोप लगाने और पार्टी विरोधी बयान देने के चलते कांग्रेस हाईकमान ने उनके खिलाफ एक्शन लिया और उनसे इस्तीफा मांग लिया। राजन्ना ने आज इस्तीफा दे भी दिया, जिसे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने स्वीकार कर लिया।

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पार्टी विरोधी बयानों की मिली सजा

बता दें कि केएन राजन्ना काफी समय से अपने बयानों को लेकर हाईकमान की नजरों में थे। ऐसे में राहुल गांधी को लेकर दिया गया राजन्ना का बयान उनको पद से हटाने की कोशिशों में आखिरी कील साबित हुआ, क्योंकि जून महीने से ही राजन्ना कर्नाटक में बड़ा राजनीतिक उलटफेर होने का संकेत दे रहे थे। कई मौकों पर राजन्ना कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन होने की बात भी कह चुके थे। वहीं अब राजन्ना ने कांग्रेस राज में महादेवपुरा में वोट लिस्ट में गड़बड़ी होने का बयान देकर हाईकमान को नाराज कर दिया, जिसका खामियाजा उन्हें पद छोड़कर चुकाना पड़ा।

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कौन हैं केएन राजन्ना?

बता दें कि राजन्ना कर्नाटक से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के वरिष्ठ नेता हैं। वह अनुसूचित जनजाति (ST) समुदाय से आते हैं और कर्नाटक विधानसभा के सदस्य (MLA) हैं। उन्होंने मधुगिरी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीता है। राजन्ना सिद्धारमैया सरकार में सहकारिता मंत्री (कृषि विपणन को छोड़कर) थे। 11 अगस्त 2025 को विवादास्पद बयानों के कारण हाईकमान ने उनसे इस्तीफा ले लिया। राजन्ना पेशे से वकील, किसान और सहकारी क्षेत्र में कार्यकर्ता हैं।

कैसे हुई थी राजनीति में एंट्री?

बता दें कि राजन्ना ने साल 1972 में कांग्रेस जॉइन करके राजनीति में एंट्री की थी। 1976 में वे नगर पंचायत के अध्यक्ष बने और 1980-1984 तक तुमकुर जिले की यूथ कांग्रेस इकाई के प्रमुख रहे। 1998 से 2004 तक वे कर्नाटक विधान परिषद के सदस्य भी रहे। चुनाव टिकट नहीं मिलने से नाराजगी के चलते उन्होंने साल 2004 में कांग्रेस छोड़कर जनता दल (सेक्युलर) (JD(S)) जॉइन की और बेल्लावी से विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बने।

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सहकारी समितियों के अध्यक्ष रहे

साल 2007 में राजन्ना ने कांग्रेस में वापसी की। इसके बाद वे साल 2013 और साल 2023 में मधुगिरी से विधायक बने। मई 2023 से अगस्त 2025 तक सिद्धारमैया सरकार में सहकारिता मंत्री रहे। राजन्ना 2 बार कर्नाटक स्टेट को-ऑपरेटिव एपेक्स बैंक लिमिटेड के अध्यक्ष रहे। नेशनल एग्रीकल्चरल को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के निदेशक भी रहे। तुमकुर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक और कृषि उत्पाद विपणन समिति के निदेशक भी रहे।

साल 2025 में ही राजन्ना 75 साल के हो गए हैं और उन्होंने घोषणा की है कि वे अब विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन राजनीति में सक्रिय रहेंगे।

First published on: Aug 11, 2025 09:02 PM

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