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वैश्विक स्तर पर आगे बढ़ रहा भारत, UPI से हर महीने 18 अरब का हो रहा लेनदेन

UPI Transactions in India: भारत अब तेज डिजिटल भुगतान में दुनिया में आगे बढ़ रहा है। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) इस बदलाव का वाहक है। UPI के जरिए अब हर महीने अरबों लेनदेन किया जाता है। इसने भारत को एक डिजिटल-प्रथम अर्थव्यवस्था में बदल दिया है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Shabnaz Updated: Jul 21, 2025 13:45
UPI Transactions in India
Photo Credit Social Media

UPI Transactions in India: भारत में लोग तेजी से सुरक्षित और कम लागत वाले लेनदेन के लिए UPI का इस्तेमाल कर रहे हैं। भारत ब्रिक्स समूह में UPI को बढ़ावा दे रहा है। जन-धन योजना ने वित्तीय समावेशन में मदद की है। इस बदलाव का मूल आधार एकीकृत भुगतान इंटरफेस है, जिसे UPI के नाम से जाना जाता है। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम द्वारा 2016 में लॉन्च किए गए UPI ने देश में लोगों के पैसे भेजने और प्राप्त करने के तरीके को बदल दिया है।

तुरंत ट्रांसफर हो रही रकम

यह आपके सभी बैंक खातों को एक मोबाइल ऐप में एक साथ लाता है। आप बस कुछ ही मिनटों में तुरंत पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। इसके जरिए व्यापारियों को या दोस्तों को भी पैसे भेज सकते हैं। इसकी खासियत इसकी रफ्तार और इस्तेमाल में आसानी है। प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) ने कहा कि ‘इस बदलाव ने भारत को नकद और कार्ड-आधारित भुगतान से दूर कर दिया है। इसे डिजिटल-प्रथम अर्थव्यवस्था की ओर आगे बढ़ाया है। लाखों लोग और छोटे व्यवसाय अब सुरक्षित और कम लागत वाले लेनदेन के लिए UPI पर निर्भर हैं। यूपीआई वित्तीय समावेशन का एक शक्तिशाली साधन बन गया है।’

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जून में हुआ 24.03 लाख करोड़ रुपये का भुगतान

अकेले जून में ही इसके जरिए 24.03 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के भुगतान किया गया है। यह 18.39 अरब लेनदेन में फैला था। एक साल में लगभग 32 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। यूपीआई प्रणाली अब 49.1 करोड़ व्यक्तियों और 6.5 करोड़ व्यापारियों को सेवा दे रही है। यह 675 बैंकों को एक ही प्लेटफॉर्म पर जोड़ता है, जिससे लोग बिना किसी परेशानी के आसानी से भुगतान कर सकते हैं। आज, भारत में सभी डिजिटल लेनदेन में UPI का योगदान 85 फीसदी है। इसका प्रभाव राष्ट्रीय सीमाओं से परे भी है और यह वैश्विक रीयल-टाइम डिजिटल भुगतानों के लगभग 50 फीसदी को संचालित करता है ।

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PIB की रिपोर्ट में आगे बताया गया कि ‘यह आंकड़े केवल नंबर नहीं हैं, बल्कि यह विश्वास, सुविधा और स्पीड को दिखाते हैं। हर महीने ज्यादा से ज्यादा लोग अपने भुगतानों के लिए UPI का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसका बढ़ता इस्तेमाल इस बात का एक मजबूत संकेत है कि भारत लगातार नकदी रहित अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ रहा है।’

विदेशों में भी पहुंच हुई आसान

UPI केवल भारत तक ही सीमित नहीं है। यह संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस और मॉरीशस समेत सात देशों में पहले से ही मौजूद है। फ्रांस में इसकी एंट्री एक मील का पत्थर साबित हुई है, क्योंकि यह यूरोप में UPI का पहला कदम है। इससे वहां यात्रा करने या रहने वाले भारतीयों को विदेशी लेनदेन में आने वाली परेशानियों से निजात मिली है। PIB रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ब्रिक्स समूह में भी यूपीआई को एक मानक बनाने पर भी जोर दे रहा है।

मजबूत होगी भारत की छवि

इस रिपोर्ट में आगे कहा गया कि ‘अगर ऐसा होता है, तो इससे पैसे के लेनदेन में सुधार होगा। वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलेगा और डिजिटल भुगतान में एक ग्लोबल टेक्निकल लीडर के तौर पर भारत की तस्वीर मजबूत होगी। दुनियाभर में रीयल-टाइम पेमेंट सिस्टम के तौर पर भी यूपीआई का उदय कोई संयोग नहीं था। यह सालों की योजना और डिजिटल बुनियादी ढांचे में निवेश का ही नतीजा है।

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First published on: Jul 21, 2025 01:45 PM

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