UP Nagar Nikay Chunav: यूपी नगर निकाय चुनाव को सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिल गई है। ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) को लेकर रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस मामले में निर्वाचन आयोग दो दिन में नोटिफिकेशन जारी कर देगा।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी पूछा कि चुनाव की घोषणा कब तक हो सकती है। इस पर महाधिवक्ता की ओर से बताया गया कि अगले दो दिनों में चुनाव की अधिसूचना जारी कर सकते हैं। ऐसे में माना जा रहा हैकि 24 से 48 घंटे के अंदर यूपी में निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाएगी और आचार संहिता भी लागू हो जाएगी। ऐसे में स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर जल्द ही तस्वीर साफ होने वाली है।
अगर निर्वाचन आयोग उत्तर प्रदेश दो दिन के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी कर देता है तो उसके बाद चुनावी प्रक्रिया को पूरा करने में 15 दिन से एक महीने का समय लग सकता है। ऐसे में अप्रैल के अंत में या मई की शुरुआत में नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत के अध्यक्षों और सदस्यों का चुनाव कराया जा सकता है। SC ने OBC आरक्षण के साथ यूपी निकाय चुनाव कराने की अनुमति दी है। सुप्रीम कोर्ट ने OBC आयोग की रिपोर्ट स्वीकार की। ओबीसी आरक्षण की प्रक्रिया को लेकर सवाल तो कई पक्षों ने पहले उठाए थे, लेकिन शीर्ष अदालत बिना किसी लाग लपेट के स्वीकृति दे दी।
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले जनवरी में बिना ट्रिपल टेस्ट के ओबीसी आरक्षण के साथ निकाय चुनाव कराने की इजाजत नहीं दी थी और इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया था। हालांकि यूपी सरकार ने पहले ही इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश के अनुसार ही ओबीसी आयोग गठित कर दिया था। ओबीसी कमीशन ने ढाई महीने में ही अपनी रिपोर्ट ट्रिपल टेस्ट के आधार पर दे दी।
बता दें कि पिछड़ा वर्ग आयोग ने प्रदेश के सभी 75 जिलों का दौरा किया था। वहां पिछड़ा वर्ग के राजनीतिक प्रतिनिधित्व की जानकारी हासिल की थी। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में माना था कि पिछले तीन-चार दशकों से तमाम नगर निकायों में चक्रानुक्रम आरक्षण का पालन नहीं किया जा रहा था। रैपिड टेस्ट की प्रक्रिया को भी सही नहीं माना गया। उत्तर प्रदेश में 17 नगर निगम, 200 नगरपालिका और 500 से ज्यादा नगर पंचायतों में चुनाव कराया जाना है।