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RTI एक्टिविस्ट ने पूछा- देश में हिंदू या भगवा आतंकवाद है? केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिया ये जवाब

नई दिल्ली: भारत में एक्टिव आतंकवादी संगठनों के संबंध में आरटीआई एक्टिविस्ट ने केंद्र सरकार से जानकारी मांगी थी। जानकारी मिलने के बाद सूचना का अधिकार के तहत जानकारी मांगने वाले एक्टिविस्ट प्रफुल्ल पी सारदा ने कहा कि कुछ राजनेताओं ने तुष्टिकरण की राजनीति के लिए ‘हिंदू या भगवा आतंकवाद’ शब्द गढ़ा है। एक्टिविस्ट ने […]

Edited By : Om Pratap | Updated: Jan 14, 2023 16:07
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नई दिल्ली: भारत में एक्टिव आतंकवादी संगठनों के संबंध में आरटीआई एक्टिविस्ट ने केंद्र सरकार से जानकारी मांगी थी। जानकारी मिलने के बाद सूचना का अधिकार के तहत जानकारी मांगने वाले एक्टिविस्ट प्रफुल्ल पी सारदा ने कहा कि कुछ राजनेताओं ने तुष्टिकरण की राजनीति के लिए ‘हिंदू या भगवा आतंकवाद’ शब्द गढ़ा है।

एक्टिविस्ट ने अपने RTI आवेदन में यह जानकारी मांगी थी कि भारत में कितने आतंकी संगठन सक्रिय हैं? उन्होंने इन संगठनों के नाम और विवरण मांगे। सारदा ने भारत में सक्रिय आतंकवादी संगठनों को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी जानकारी मांगी। साथ ही उन्होंने आगे ‘हिंदू या भगवा आतंकवाद (यदि कोई है)’ शब्द के बारे में विवरण मांगा था।

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मालेगांव बम विस्फोट को लेकर भी मांगी ये जानकारी

गृह मंत्रालय के रिकॉर्ड के अनुसार, 2006 के मालेगांव बम विस्फोट या किसी बम विस्फोट में ‘हिंदू या भगवा’ आतंकवादी शामिल थे या नहीं, सारदा ने इसका विवरण भी मांगा। RTI कार्यकर्ता ने ‘इस्लामी आतंकवाद’ शब्द के बारे में विवरण मांगा और पूछा कि क्या इस तरह के संगठन भारत में किसी बम विस्फोट में शामिल थे?

कार्यकर्ता ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से साझा की गई जानकारी में स्पष्ट रूप से हिंदू या भगवा आतंकवाद के किसी भी संबंध या शब्द को खारिज करती है। उन्होंने कहा कि मैं न केवल एक भारतीय के रूप में बल्कि एक हिंदू के रूप में भी बहुत आहत हूं। केवल एक विशिष्ट समुदाय के वोटों को इकट्ठा करने के लिए, कुछ राजनीतिक नेता बार-बार इस देश में करोड़ों हिंदुओं को बदनाम करते हैं और हिंदू या भगवा आतंकवाद की नकली शर्तों को अपनाने की कोशिश करते हैं।

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‘हिंदू नहीं लेकिन इस्लामी आतंकवाद मौजूद है’

सारदा ने कहा कि आरटीआई का जवाब स्पष्ट रूप से दिखाता है कि हिंदू आतंकवाद मौजूद नहीं है, लेकिन इस्लामी आतंकवाद मौजूद है। गृह मंत्रालय ने RTI के जवाब में कहा, “यह सूचित किया जाता है कि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (यूएपीए) की धारा 35 के तहत 42 संगठनों को ‘आतंकवादी संगठन’ घोषित किया गया है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जवाब में ये भी कहा कि आतंकवाद के खतरे का मुकाबला करने के लिए सरकार की ओर से कई कदम भी उठाए गए हैं। इनमें केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की ताकत को बढ़ाना, पुलिस बल का आधुनिकीकरण, विशेष बलों की क्षमता निर्माण, सख्त आव्रजन नियंत्रण, प्रभावी सीमा प्रबंधन, चौबीसों घंटे निगरानी और सीमाओं पर गश्त; निगरानी चौकियों की स्थापना, सीमा पर बाड़ लगाना, फ्लडलाइटिंग, आधुनिक और हाई-टेक निगरानी उपकरणों की तैनाती; खुफिया व्यवस्था का उन्नयन और तटीय सुरक्षा आदि शामिल है।

देश में ये आतंकी संगठन प्रतिबंधित

MHA ने आगे कहा कि सरकार ने साल 2019 में UAP अधिनियम, 1967 और NIA अधिनियम, 2008 में संशोधन करके विधायी ढांचे को भी मजबूत किया है। जानकारी दी गई कि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 35 के तहत प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों में बब्बर खालसा इंटरनेशनल, खालिस्तान कमांडो फोर्स, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स, इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन, लश्कर-ए-तलबा, पसबन-ए-अहले हादी, जैश-ए शामिल हैं।

इनके अलावा मोहम्मद/तहरीक-ए-फर्गन, हरकत-उल-मुजाहिदीन/हरकत-उल-अंसार/हरकत-उल-जेहाद-ए-इस्लामी या अंसार-उल-उम्माह (एयूयू), हिज्ब-उल-मुजाहिदीन/ हिज्ब-उल- मुजाहिदीन पीर पंजाल रेजिमेंट, अल-उमर-मुजाहिदीन, जम्मू और कश्मीर इस्लामिक फ्रंट, यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (ULFA), असम में नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (NDFB), पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA), यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (UNLF) ), पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ़ कांगलेपाक (PREPAK), कांगलेईपाक कम्युनिस्ट पार्टी (KCP), कांगलेई याओल कनबा लुप (KYKL), मणिपुर पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट (MPLF), ऑल त्रिपुरा टाइगर फ़ोर्स, नेशनल लिबरेशन फ़्रंट ऑफ़ त्रिपुरा, लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम (एलटीटीई), स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया, दीनदार अंजुमन, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ भारत (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) और माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर (एमसीसी) भी शामिल है।

सूची में शामिल अन्य संगठनों में अल बद्र, जमीयत-उल-मुजाहिदीन, भारतीय उप-महाद्वीप में अल-कायदा/अल-कायदा (एक्यूआईएस), दुख्तरान-ए-मिल्लत (डीईएम), तमिलनाडु लिबरेशन आर्मी (टीएनएलए), तमिल शामिल हैं। नेशनल रिट्रीवल ट्रूप्स (TNRT), अखिल भारत नेपाली एकता समाज (ABNES), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी), इंडियन मुजाहिदीन, गारो नेशनल लिबरेशन आर्मी (GNLA), कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन, इस्लामिक स्टेट/इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवेंट/इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया/दाइश/इस्लामिक स्टेट इन खुरासान प्रोविंस (ISKP)/ISIS विलायत खुरासान/इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड शाम-खुरासन (ISIS-K), नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (खापलांग), द खालिस्तान लिबरेशन फोर्स, तहरीक-उल-मुजाहिदीन (टीयूएम) और जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश या जमात-उल-मुजाहिदीन इंडिया या जमात-उल-मुजाहिदीन है।

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Written By

Om Pratap

First published on: Jan 14, 2023 04:07 PM

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