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‘आय कहां से आएगी?’, Budget 2025 पर शशि थरूर का बड़ा बयान

Congress Reaction Budget 2025 : संसद में हंगामे के बीच देश का आम बजट 2025 पेश हो रहा है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का लेखा-जोखा पेश कर रही हैं।

Edited By : Deepak Pandey | Updated: Feb 1, 2025 14:09
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Budget 2025
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Congress Reaction Budget 2025 : संसद में मोदी सरकार 3.0 का पहला पूर्णकालिक बजट पेश हो रहा है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट 2025 पेश कर रही हैं। बजट को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। आइए जानते हैं कि कांग्रेसी नेताओं की क्या आईं प्रतिक्रियाएं?

आय कहां से आएगी : शशि थरूर

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कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि मुझे लगता है कि भाजपा की बेंचों से जो तालियां आपने सुनीं, वह मध्यम वर्ग के कर में कटौती के लिए थीं। हम डिटेल्स देखते हैं और यह एक अच्छी बात हो सकती है। इसलिए यदि आपके पास वेतन है तो आप कम कर दे रहे होंगे। लेकिन महत्वपूर्ण सवाल यह है कि यदि हमारे पास वेतन नहीं है तो क्या होगा? आय कहां से आएगी? आयकर राहत से लाभ उठाने के लिए, आपको वास्तव में नौकरियों की आवश्यकता है। वित्त मंत्री ने बेरोजगारी का उल्लेख नहीं किया। विडंबना यह है कि जो पार्टी एक राष्ट्र, एक चुनाव चाहती है, वह वास्तव में प्रत्येक वर्ष प्रत्येक राज्य में होने वाले प्रत्येक चुनाव का उपयोग अधिक मुफ्त सुविधाएं देने के लिए कर रही है। वे कई चुनाव भी करवा सकते हैं ताकि वे अपने सहयोगियों से अधिक प्रशंसा प्राप्त कर सकें।

आम बजट पर क्या बोलीं कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा? 

कांग्रेस सांसद शैलजा कुमारी ने कहा कि किसानों को एमएसपी नहीं मिला। उन्होंने परमाणु ऊर्जा की बात की, लेकिन हरियाणा के गोरखपुर में हमारा परमाणु ऊर्जा संयंत्र (गोरखपुर हरियाणा अणु विद्युत परियोजना) लंबे समय से है और दोनों ही वहां हो रहे हैं। ऐसे कई मुद्दे हैं- जैसे मनरेगा, लेकिन इस संबंध में कोई घोषणा नहीं की गई। जो भी घोषणा की गई वह मुख्य रूप से बिहार और दिल्ली में चुनावों के कारण की गई।

कार्ति चिदंबरम का बयान

कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि बजट के बारे में कोई भी समझदारी भरा बयान देने से पहले हम इसके डिटेल्स पर गौर करें, क्योंकि बजट हमेशा ही विवरणों में उलझा रहता है और हम केवल वित्त मंत्री के भाषण को सुनकर कोई भी निर्णय नहीं ले सकते। कई नए प्रस्ताव आए हैं, लेकिन हमें यह भी देखना चाहिए कि पिछले बजट में घोषित प्रस्तावों का क्या हुआ। पिछले बजट में भी कुछ बड़ी योजनाओं की घोषणा की गई थी। तो उनकी स्थिति क्या है? और अब कई और योजनाओं की घोषणा की गई है, जो सभी, अपने शब्दों में भी, 2029 में इस संसद के समापन के बाद ही पूरी होंगी। इसलिए हमें इन सभी योजनाओं, इस बजट में पहले की योजनाओं की प्रभावशीलता को देखना होगा। यह बिल्कुल स्वाभाविक है कि जब भी कोई राज्य चुनाव के लिए आता है तो उसे असंगत मात्रा में ध्यान दिया जाता है। लेकिन ऐसा लगता है कि आजकल बजट इसी राजनीतिक दिशा में बनाए जाते हैं।

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि यह पिछले 10 सालों का सबसे कमजोर बजट है। वे आगे कहते हैं कि हम संसद में कुंभ भगदड़ पर चर्चा चाहते हैं। इंडिया अलायंस ने सदन से वॉकआउट कर दिया और हमें अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है कि चर्चा होगी या नहीं। हम चर्चा चाहते हैं, ताकि सच्चाई सामने आ सके।

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि मैं यह समझने में असफल रहा कि यह भारत सरकार का बजट था या बिहार सरकार का? क्या आपने केंद्रीय वित्त मंत्री के पूरे बजटीय भाषण में बिहार के अलावा किसी अन्य राज्य का नाम सुना है?

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बजट से जुड़ी उम्मीदों पर कहा कि हम सभी जानते हैं कि अर्थव्यवस्था किस गंभीर स्थिति में है। हमें जीएसटी 2.0 की जरूरत है, हमें कर आतंकवाद से मुक्ति चाहिए, हमें निजी निवेश की खुराक चाहिए, हमें मध्यम वर्ग की खपत बढ़ाने की जरूरत है। क्या बजट में इस संबंध में कोई घोषणा होगी, मुझे नहीं पता लेकिन अगर आज घोषणाएं की जाती हैं तो भी उनके प्रभाव दिखने में 8-9 महीने से अधिक समय लगेगा… कम से कम एक साल।

कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि बजट में एक इरादा होता है, एक विषय होता है- ये दोनों ही बजट की सीमा तय करते हैं। हमें बजट से बहुत उम्मीदें नहीं हैं कि कुछ बड़ी घोषणाएं की जाएंगी और इससे निजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा। देखते हैं कि मध्यम वर्ग को टैक्स में कुछ छूट मिलती है या नहीं। साथ ही हमें यह भी देखना होगा कि निवेशकों को ‘टैक्स टेररिज्म’ से कुछ राहत मिलती है या नहीं। हमने जीएसटी में कुछ सुधारों की मांग की है। मोदी 3.0 की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है, देखते हैं जीएसटी 2.0 कब आता है।

बजट पेश होने से पहले कांग्रेस सांसद हिबी ईडन ने कहा कि हमें उम्मीद है कि कर नीतियों और आम आदमी तथा छोटे व्यापारियों के सामने आने वाली समस्याओं, जिसमें जीएसटी भी शामिल है, पर कुछ अपेक्षित होगा। मनरेगा पर अधिक आवंटन होगा। हमें उम्मीद है कि शिक्षा और स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान दिया जाएगा और हमारी हमेशा से मांग रही है कि आंगनवाड़ी सदस्यों – शिक्षकों और कार्यकर्ताओं के मानदेय में संशोधन किया जाए और उन्हें बेहतर स्थान दिया जाए। ये हमारी मांगें हैं और मुझे उम्मीद है कि सरकार इस पर विचार करेगी। दक्षिणी राज्यों की उपेक्षा की गई है। मुझे उम्मीद है कि इस बार केरल को बेहतर हिस्सा मिलेगा।

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Edited By

Deepak Pandey

First published on: Feb 01, 2025 11:18 AM

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