Uday Kotak Success Story: देश के नामी कोटक महिंद्रा बैंक के एमडी और सीईओ के पद से इस्तीफा दे दिया है। उदय कोटक महिंद्रा बैंक के संस्थापक और प्रमोटर भी थे। आज हर कोई उनके बारे में चर्चा कर रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं उदय कोटक अपनी लाइफ में क्या बनना चाहते थे? उनका शौक क्या था? शौक के दौरान उनके साथ क्या हादसा हुआ? उन्होंने अपने लक्ष्य की दिशा बदली और आज देश का एक सफल बैंक खड़ा किया। हम बताएंगे आखिर कौन हैं उदय कोटक?
20 साल की उम्र में हुआ ये हादसा
उदय कोटक का जन्म एक गुजराती परिवार में हुआ था। जवानी के दिनों में उन्हें क्रिकेट का शौक था। रिपोर्ट्स के मानें तो उदय क्रिकेट में ही अपना करियर बनाना चाहते थे, लेकिन एक घटना ने उनका ये सपना तोड़ दिया। बताया गया है कि 20 साल की उम्र में क्रिकेट खलते हुए उनके सिर पर बॉल लगी थी, जिसके बाद वे मैदान में ही बेहोश हो गए। उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां चोट गंभीर होने पर उनकी सर्जरी करनी पड़ी। इस हादसे के बाद उन्होंने क्रिकेट से हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।
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इस तरह रखी गई बैंक की नींव
काफी कुछ करने के बाद उदय कोटक ने 26 साल की उम्र में वर्ष 1986 में महिंद्रा एंड महिंद्रा के मालिक आनंद महिंद्रा के सहयोग से एक नॉन-बैंकिंग कंपनी की शुरुआत की। इस काम में उन्होंने शुरुआती लागत 30 लाख रुपये थी। काम शुरू होने के बाद उन्होंने लोन, स्टॉक ब्रोकरिंग, इन्वेस्टमेंट, बीमा और म्यूचुअल फंड के क्षेत्र में अपने काम को बढ़ाया। साल 2003 में उनकी ये नॉन बैंकिंग फर्म को आरबीआई की ओर से बैंकिंग का लाइसेंस मिला, जिसके बाद इसका नाम कोटक महिंद्रा फाइनेंस लिमिटेड रखा गया।
30 लाख से शुरू हुआ सफर, आज बाजार पूंजी 3.52 लाख करोड़
रिपोर्ट्स में बताया गया है कि उदय कोटक ने करीब 20 साल तक इस बैंक का नेतृत्व किया, जबकि 38 साल कर इसके लिए काम किया। 30 लाख रुपये से शुरू की इस कंपनी की आज मार्केट कैपिटल 3.52 लाख रुपये बताई जाती है। शिक्षा की बात करें तो उदय कोटक को गणित विषय में काफी रुचि रही।
इसी रुचि ने उनको बैंकिंग के क्षेत्र में बादशाहत दिलाई। हालांकि बाद में उन्होंने एमबीए की पढ़ाई भी की। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जाता है कि उदय कोटक की इस बेहतरीन सफलता के पीछे उनकी पत्नी पल्लवी कोटक का खास योगदान रहा है। उन्होंने ही उदय को नौकरी के बजाए बिजनेस की ओर जाने के लिए प्रेरित किया।