PM Modi Economists Meeting: ट्रंप टैरिफ विवाद और GST सुधारों को लेकर प्रधामनंत्री मोदी ने बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने आज 18 अगस्त 2025 को अर्थशास्त्रियों की मीटिंग बुलाई, जिसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्यों और नीति आयोग के अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। यह बैठक नई दिल्ली में 7 लोक कल्याण मार्ग पर प्रधानमंत्री मोदी के आवास पर हुई। बैठक में अमेरिका द्वारा भारत के निर्यात पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की गई। GST सुधारों और निर्यात के लिए वैकल्पिक बाजारों पर भी चर्चा हुई।
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अमेरिका ने भारत पर लगाया 50 प्रतिशत टैरिफ
बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर गत एक अगस्त 2025 को 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया। 6 अगस्त 2025 को भारत पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया। यह अतिरिक्त टैरिफ रूस से तेल और हथियार खरीदने को लेकर नाराजगी जताते हुए लगाया गया। अब भारतीय निर्यात पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा है, जो 27 अगस्त 2025 से लागू हो जाएगा। भारत के पास टैरिफ पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए कई विकल्प हैं, जैसे भारत जवाबी टैरिफ लगाकर जवाब दे सकता है। रूस से तेल खरीदना बंद कर सकता है। रक्षा उपकरणों और हथियारों की खरीद को कम कर सकता है।
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WTO को दी जा सकती है अमेरिका की शिकायत
निर्यात के लिए नए बाजार तलाश सकता है। विश्व व्यापार संगठन (WTO) में अमेरिका और 50 प्रतिशत टैरिफ की शिकायत कर सकता है। घरेलू स्तर पर MSME को समर्थन देकर अर्थव्यवस्था के मजबूत करने के उपायों पर विचार भी भारत की ओर से किया जा रहा है। वैसे अमेरिका के 50 प्रतिशत टैरिफ को भारत ने अनुचित, अन्यायपूर्ण और अविवेकी बताया। रूस से तेल की खरीद को भारत की राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा के लिए जरूरत बताया। रूस से तेल की खरीद जारी भी रखी हुई है। भारत की ओर से कहा गया है कि अमेरिका के आर्थिक दबाव के आगे भारत न झुकेगा और न ही घुटने टेकेगा।
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अमेरिका का द्विपक्षीय व्यापार समझौते से इनकार
बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत से द्विपक्षीय व्यापार वार्ता करने से भी इनकार कर दिया है। भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए छठे दौर की वार्ता होनी थी, जिसके लिए अमेरिका का प्रतिनिधिमंडल 25 अगस्त को भारत आने वाला था, लेकिन अब वह नहीं आएगा। ऐसे में भारत-अमेरिका संबंधों में खटास आ गई है। 50 प्रतिशत टैरिफ से भारत द्वारा अमेरिका को किया जाने वाला $86.5 बिलियन का निर्यात प्रभावित होगा, लेकिन अमेरिका को व्यापार घाटा ($45.6 बिलियन) कम करने का मौका मिलेगा। कुल मिलाकर 50 प्रतिशत टैरिफ से भारत को नुकसान ही होगा।