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ममता बनर्जी ने बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने का यूं ही नहीं किया ऐलान, ये थीं 5 बड़ी वजहें

Mamata Banerjee on alliance in Bengal: टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने बुधवार को कांग्रेस को बड़ा झटका दिया। उन्होंने कहा कि बंगाल में टीएमसी लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी।

सीएम ममता बनर्जी। (File Photo)
Mamata Banerjee says No alliance in Bengal with Congress: पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस 2024 का लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। पार्टी सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को यह ऐलान किया। उनकी इस घोषणा से I.N.D.I.A गुट को तगड़ा झटका लगा है। इससे पहले, अरविंद केजरीवाल ने भी पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। आइए जानते हैं, ममता ने अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला क्यों किया... 1- कांग्रेस ने नहीं की कोई चर्चा टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस के साथ मेरी कोई चर्चा नहीं हुई। मैंने हमेशा कहा है कि बंगाल में हम अकेले चुनाव लड़ेंगे। मुझे इस बात की चिंता नहीं है कि देश में क्या किया जाएगा, लेकिन हम एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी हैं। बंगाल में हम बीजेपी को अकेले ही हराएंगे। 2- प्रस्तावों को किया खारिज ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने कांग्रेस को कई प्रस्ताव दिए, लेकिन उन्होंने उन प्रस्तावों को शुरू से खारिज कर दिया। तभी हमने बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया। 3- राहुल गांधी की यात्रा के बारे में नहीं बताया गया टीएमसी सुप्रीमो ने कहा कि उन्हें राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के बंगाल से गुजरने के बारे में नहीं बताया गया था। कांग्रेस ने मुझे यह बताने की भी जहमत नहीं उठाई कि वे शिष्टाचार के नाते बंगाल आ रहे हैं। इससे पहले, कांग्रेस ने दावा किया था कि उसने I.N.D.I.A गुट के सभी दलों को यात्रा में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। 4- क्षेत्रीय दलों को अकेले चुनाव लड़ना चाहिए ममता बनर्जी ने कहा कि हम बीजेपी को हराने के लिए जो भी कर सकते हैं, करेंगे। मैंने कहा है कि कांग्रेस को कुछ राज्यों में लड़ना चाहिए। बाकी राज्यों में क्षेत्रीय दलों को अकेले चुनाव लड़ने के लिए छोड़ देना चाहिए। उन्हें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। यह भी पढ़ें: पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर ‘आप’ अकेली लड़ेगी या कांग्रेस के साथ? हो गया फैसला 5- अधीर रंजन चौधरी का टीएमसी पर हमला तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस के बीच दरार तब आई, जब कांग्रेस के राज्य ईकाई के प्रमुख अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी पर सीधा हमला बोला। उन्होंने दावा किया कि 2011 में ममता बनर्जी कांग्रेस की दया पर सत्ता में आई थीं। इस बार का चुनाव उनकी दया पर नहीं लड़ा जाएगा। वे जो दो सीटें छोड़ रही हैं, उस पर कांग्रेस ने बीजेपी और टीएमसी को हराया था। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि कांग्रेस जानती है कि चुनाव कैसे लड़ना है। ममता बनर्जी अवसर वादी हैं। वह कांग्रेस की दया से 2011 में सत्ता में आई थीं। कांग्रेस के लिए बंद हुए बंगाल के दरवाजे बता दें कि टीएमसी बंगाल में कांग्रेस को 42 सीटों में से अधिकतम तीन सीटें ही देना चाहती थी। अब ममता के अकेले चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद लग रहा है कि बंगाल के कांग्रेस के लिए दरवाजे बंद हो गए हैं। बीजेपी के खिलाफ एकजुट मोर्चा बनाने के अभियान को भी तगड़ा झटका लगा है। यह भी पढ़ें: Bharat Ratna Karpoori Thakur: दो बार CM बनने के बावजूद नहीं था खुद का मकान, लोग कहते थे- जननायक


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