अमर देव पासवान, कोलकाता: दक्षिण दिनाजपुर जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। मामले का वीडियो भी सामने आया है। वीडियो को पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है।
वीडियो शेयर करते हुए बंगाल भाजपा चीफ ने तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि ममता बनर्जी की पार्टी ने आदिवासी महिलाओं को दोबारा से पार्टी में शामिल करने के लिए दंडवत परिक्रमा कराई है। मजूमदार ने दंडवत परिक्रमा को सजा बताया है और कहा है कि इस तरह की सजा देकर आदिवासी समुदाय ही नहीं बल्कि देश की महिला समाज को भी खुलेआम अपमान किया गया है।
मजूमदार ने कहा कि जिस देश की राष्ट्रपति आदिवासी महिला हों और जिस राज्य में इस घटना को अंजाम दिया गया है, उस राज्य की मुख्यमंत्री भी खुद एक महिला हों, इस तरह की घटना हैरान करने वाली है। मजूमदार ने कहा कि ममता बनर्जी अक्सर खुले मंच से महिला समाज के उत्थान और उनकी सुरक्षा को लेकर दावे करती हैं।
बंगाल भाजपा चीफ ने कहा कि बंगाल में टीएमसी ने तीन आदिवासी महिलाओं को दंडवत परिक्रमा की सजा इसलिए दी ताकि पार्टी से जुड़ा कोई भी नेता किसी दूसरी पार्टी का दामन थामने की हिमाकत न कर सके।
Martina Kisku, Shiuli Mardi, Thakran Soren and Malati Murmu, resident of Tapan Gofanagar, Tapan, joined BJP yesterday. They belong to ST community.
Today, TMC goons forced them to return to TMC and punished them by asking to do Dandavat Parikrama. pic.twitter.com/eks61eD2EP
— Dr. Sukanta Majumdar ( মোদীজির পরিবার ) (@DrSukantaBJP) April 7, 2023
एक दिन पहले भाजपा में शामिल हुई थीं महिलाएं
सुकांत मजूमदार ने कहा कि तापम गोफानगर निवासी चार महिलाएं एक दिन पहले भाजपा में शामिल हुई थीं। चारों महिलाएं एसटी कम्युनिटी से जुड़ी हैं। टीएमसी के गुंडों ने उन्हें टीएमसी में वापस आने के लिए मजबूर किया और दंडवत परिक्रमा करने की सजा दी। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने आदिवासी समुदाय का अपमान करने के लिए हर सीमा लांघ दी है।
दिलीप घोष ने भी की घटना की निंदा
बंगाल में तीन आदिवासी महिलाओं से दंडवत परिक्रमा कराने की घटना पर दिलीप घोष ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि साफ़ पता चलता है कि टीएमसी आदिवासी और महिलाओं का घोर विरोधी है। इससे पहले अर्जुन सिंह और राजीव बनर्जी जैसे लोग भी टीएमसी से भाजपा में आने के बाद फिर टीएमसी में शामिल हुए हैं, जब उनसे दंडवत परिक्रमा नहीं कराया गया तो आखिर इन आदिवासी महिलाओं को ऐसी सजा क्यों दी गई?