Telangana Assembly Election 2023: तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए प्रदेश की 119 सीटों पर आज सुबह से ही वोट डाले जा रहे हैं। मतदान से पहले प्रदेश में राजनीतिक नेताओं द्वारा कई रैलियां देखी गईं, जिन्होंने कई वादों के साथ मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की। जबकि, तेलंगाना में बीआरएस, भाजपा और कांग्रेस के बीच तीन-तरफा मुकाबला देखा जा रहा है। वहीं, इस चुनाव में पार्टियों के कुछ प्रमुख मुद्दे हैं, जो 2023 के विधानसभा चुनावों की कहानी को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
प्रमुख नीतियां और मुद्दे:
विकास और कल्याण: सत्तारूढ़ पार्टी बीआरएस ने हैदराबाद को 'वैश्विक शहर' में बदलने का दावा किया है, लेकिन प्रदेश की राजधानी में जल-भराव की समस्या एक बड़ी समस्या रही है। मानसून के मौसम में लोगों के नालों में बहने की घटनाएं भी हुई हैं। वहीं, विपक्ष इस मोर्चे पर केसीआर सरकार पर निशाना साध रहा है कि मानसून के दौरान बाढ़ आती है। हालांकि, सरकार ने कई फ्लाईओवर बनाए हैं, फिर भी कई महत्वपूर्ण स्थानों पर अभी भी रुकावटें हैं।
यह भी पढ़ें- शुरू हुई जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाने की परियोजना, क्या-क्या बोले पीएम मोदीसिंचाई एवं जल प्रबंधन: कृषि पर अत्यधिक निर्भर क्षेत्र में जल संसाधनों का कुशल प्रबंधन, चल रही सिंचाई को पूरा करना, सूखे की स्थिति को कम करने के लिए परियोजनाएं और रणनीतियां महत्वपूर्ण मुद्दे हैं।
रोजगार: प्रदेश में रोजगार को लेकर सत्तारूढ़ पार्टी बीआरएस का दावा है कि आईटी उद्योग में कर्मचारियों की कुल संख्या 2014 में तीन लाख से बढ़कर लगभग नौ लाख हो गई है तथा हैदराबाद ने आईटी नौकरियां पैदा करने में बेंगलुरु को पीछे छोड़ दिया है। हालांकि, रिपोर्टों के अनुसार तेलंगाना औपचारिक क्षेत्र के रोजगार की सीमित उपलब्धता से जूझ रहा है। वहीं, भाजपा और कांग्रेस दोनों ने राज्य के लिए अपने चुनावी घोषणापत्र में रोजगार देने का वादा किया है।
कल्याणकारी योजनाएं: विधानसभा चुनाव के दौरान कृषि ऋण से लेकर मुफ्त एलपीजी सिलेंडर और वंचित लोगों को वित्तीय सहायता तक, तेलंगाना में पार्टियों ने अपने चुनाव घोषणापत्र में कई कल्याणकारी योजनाएं शामिल की हैं। कल्याणकारी योजनाओं की गारंटी और इन योजनाओं के कार्यान्वयन से तेलंगाना के राजनीतिक परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की संभावना है।
किसानों के हित में योजनाएं: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निजामाबाद में एक राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड की स्थापना की घोषणा के साथ, हल्दी राज्य में किसानों के वोटों को लुभाने में एक महत्वपूर्ण कारक बन गई है। ऐसे बोर्ड की स्थापना राज्य के किसानों की लंबे समय से मांग रही है। तेलंगाना में किसानों के वोटों के महत्व को देखते हुए, सभी तीन प्रमुख दलों बीआरएस, भाजपा और कांग्रेस ने किसानों के हित में अपने घोषणा पत्र में बहुत सी रियायतें को शामिल किया है।